भोपाल. कहते हैं कि तबियत से उछाला गया एक पत्थर भी आसमान में सुराख कर जाता है. इसी कहावत को सिद्ध करते हुए मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूल के करीब 300 छात्रों ने इस साल JEE, AIPMT और NEET में सफलता का परचम लहराया है.
ये सभी छात्र मध्य प्रदेश के 20 आदिवासी क्षेत्रों से हैं जिनमें मण्डला, छिन्दवाड़ा और धार जैसे इलाकों के 155 बच्चों ने सफलता हासिल की है, जबकि मंडला जिले की अति पिछड़ी बैगा मजदूर वर्ग के 3 छात्र-छात्राओं ने नीट में सफलता पाई है.
हालांकि ये परिणाम ऐसे ही नहीं आए हैं. इसके लिए जिले के सरकारी स्कूलों ने अपनी शिक्षा के स्तर को काफी हद तक सुधारा है. साल 2016-17 की जेईई परीक्षा में जहां 250 छात्र-छात्राएं पास हुए हैं, वहीं एआईपीएमटी (नीट) में 73 छात्र-छात्राओं ने अपना परचम लहराया है. नीट में सफल हुए 73 बच्चों में से 55 अनुसूचित जनजाति के हैं. पिछले साल भी आरक्षित वर्ग के 153 बच्चों ने अपना हुनर दिखाया था.
इस सफलता प्रदेश सरकार भी अहम योगदान है, क्योंकि सरकार छात्रों को सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराती है. मण्डला जिले में ज्ञानार्जन प्रोजेक्ट के तहत विगत दो वर्षों में 85 छात्र-छात्राओं का जेईई और नीट में चयन हुआ है. जिले के नौ स्कूलों का चयन कर उनकी शिक्षा को सुधारने के लिए नवरत्न प्रोजेक्ट भी शुरू किया गया है.