राजकोट. गुजरात के उना क्षेत्र में गोहत्या के आरोप में 4 दलित युवकों की बेरहमी से पिटाई कर दी गई. जिसके विरोध में दलित समाज के लोगों का गुस्सा गुजरात में देखने को मिला. राजकोट में दो स्थानों पर आत्महत्या करने का प्रयास किया. वहीं सुरेंद्र नगर में विरोधस्वरुप लोगों ने मरी हुई गायों को लाकर डीएम ऑफिस में पटक दिया.
मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने दलित समुदाय के सदस्यों की पिटाई को लेकर सीआईडी जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही इस मामले की त्वरित सुनवाई हेतु विशेष न्यायालय गठित करने की घोषणा भी की गई है. इस मामले में मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इसे करीब 60 दिनों के भीतर आरेपपत्र भी दाखिल करना होगा.
इस मामले में आनंदीबेन पटेल ने घोषणा की कि राज्य सरकार घटना में घायल और दलित युवकों का चिकित्सा खर्च भी उठाएगी. दरअसल प्रभावितों का उना, जूनागढ़ और राजकोट के शासकीय चिकित्सालयों में उपचार किया जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा पीड़ितों को मुआवजे के रूप में 1-1 लाख रूपए दिए जाने की घोषणा भी की. जिले के गोंडल में पिटाई के बाद पांच दलित युवक राजेश परमार, रमेश परधी, जगदीश राठौर, भरत सेलंगी और अनिल मघड़ ने नगर के बाजार क्षेत्र में डॉ बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा के करीब जहर पीकर आत्महत्या करने का प्रयास भी किया.
दरअसल लोगों को कहना था कि जिस गाय की चमड़ी वे निकाल रहे थे वह पहले से ही मरी हुई थी. हालांकि इस घटना के बाद सीएम पटेल ने ट्विट किया और लिखा कि सरकार दलितों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है. आनंदीबेन पटेल ने ट्विटर पर लिखे संदेश में कहा कि वे पीड़ितों को हर तरह की सहायता देने में लगी हैं.