पटना. कहते हैं कि शिक्षा कल की पीढ़ी की रीढ़ होती है. पढ़ाई-लिखाई के बूते ही एक इंसान बड़ी शख्सियत बनता है, लेकिन अगर इसकी बुनियाद ही हिल जाए तो नतीजा क्या होगा.
हम एक इंसान या किसी घर परिवार की बात नहीं कर रहे. हम एक पूरे प्रदेश की बात कर रहे हैं. बिहार के स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई कैसी होती है. इसकी पड़ताल इंडिया न्यूज ने की जिसमें सैकड़ों शिक्षकों के ज्ञान का लेवल नापा गया जिसके रिजल्ट बेहद ही हास्यास्पद और शर्मनाक हैं.
जिन हाथों में कल का भविष्य है उन्हें ही नहीं मालूम है कि 26 जनवरी हम क्यों मनाते हैं और देश किस दिन आजाद हुआ. वैसे भी बिहार की शिक्षा व्यस्था कितने पानी में है. इसे आप टॉपर्स कांड से जान ही चुके हैं. लेकिन फिर भी उसके बाद कितान सुधार हुआ इसकी पड़ताल इंडिया न्यूज की टीम ने ‘ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड’ के जरिए किया.
इस दौरान हाजीपुर के कई स्कूलों का जायजा लिया गया. जिसमें पता चला कि शिक्षकों को न तो सात का पहाड़ा याद है, न आशीर्वाद लिखने आता है और न ही राष्ट्रपति का नाम और शिक्षक दिवस मालूम है. इस ऑपरेशन के दौरान शिक्षकों का हालत के साथ-साथ स्कूलों की भी स्थिति पता चली जो काफी दयनीय है. इंडिया न्यूज के ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड में देखिए बिहार की शिक्षा व्यवस्था का काला सच.