इलाहाबाद. देश की सबसे बड़ी फर्टिलाइज़र उत्पादक को-ऑपरेटिव इफको ने नीम के पेड़ लगाने का अभियान चलाने और किसानों से नीम के पेड़ पर लगने वाले फल यानी निमौली को 15 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से खरीदने का फैसला किया है.
आम तौर पर पेड़ से गिरने के बाद सड़ने के लिए छोड़ दी जाने वाली निमौली का इस्तेमाल इफको यूरिया बनाने में करेगी. सरकार ने यूरिया बनाने वाली कंपनियों के लिए उसे नीम कोटेड करना अनिवार्य कर दिया है. जाहिर है कि मार्केट में नीम के पेड़ और नीम की निमौली की डिमांड बढ़ने वाली है जिसका फायदा किसानों को मिलेगा.
इफको ने अब तक करीब डेढ़ लाख नीम के पौधे लगा भी लिए हैं. जुलाई महीने में इफको करीब 5 लाख नीम के पौधे मुफ्त बांटने जा रही है जिसे लगाकर किसान एक तरफ औषधीय गुणों से भरपूर नीम के पेड़ों की संख्या बढ़ाएंगे तो दूसरी तरफ अपनी आय भी.
नीम वाला यूरिया मिट्टी की सेहत के लिए बेहतरीन
इफको के एमडी यूएस अवस्थी ने मीडिया से कहा कि कोई भी किसान इफको के ऑफिस में निमौली लेकर आ सकता है और उसके बदले में उसे 15 रुपए किलो के हिसाब से तत्काल भुगतान कर दिया जाएगा. इफको ने इलाहाबाद के फूलपुर प्लांट में नीम का तेल निकालने की शुरुआत भी कर दी है. 2 टन नीम का तेल निकालने के लिए 22 टन निमौली की जरूरत होती है.
नीम के निमौली के इस्तेमाल से तैयार होने वाला यूरिया एक तरफ मिट्टी को हेल्दी रखता है तो दूसरी तरफ मिट्टी को कीड़ों से बचाता है. इफको ने पिछले साल ही फॉरेस्ट रिसर्च ऑफ इंडिया के साथ तीन साल का एक करार किया है जिसके तहत नीम की बेहतरीन प्रजातियों को खोजने और तैयार करने का काम शामिल है.