बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में आज बिहार उत्पाद विधेयक 2016 को सर्वसम्मति से पारित किए जाने के साथ सदस्यों ने संकल्प लिया कि शराब न पीएंगे और न लोगों को इसे पीने के लिए प्रेरित करेंगे.
पटना. बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में आज बिहार उत्पाद विधेयक 2016 को सर्वसम्मति से पारित किए जाने के साथ सदस्यों ने संकल्प लिया कि शराब न पीएंगे और न लोगों को इसे पीने के लिए प्रेरित करेंगे.
बिहार विधानसभा सभा में उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री जलील मस्तान द्वारा आज पेश बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2016 के तहत प्रथम चरण में ग्रामीण इलाके में पूर्ण शराबबंदी और दूसरे चरण में शहरी इलाकों में शराबबंदी किया जाना है.
इसमें प्रदेश में शराब के उत्पादन और उसकी बिक्री को प्रतिबंधित किए जाने के साथ मिलावटी या जहरीली शराब से किसी की मौत होने पर उसे बनाने एवं बेचने वालों को मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है.
इस विधेयक पर सदन में चर्चा के बाद मंत्री के जवाब के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2016 के बारे में जानकारी देते हुए इसे सर्वसम्मति से पारित करने के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी से आग्रह किया कि वे सदस्यों को सदन के भीतर ही आज ही संकल्प दिला दें कि न पीएंगे और न किसी को पीने के लिए प्रेरित करेंगे.
नीतीश ने आगामी एक अप्रैल से प्रदेश में लागू कहा कि इसको लेकर सभी को एकमत होना बहुत जरूरी है और अगर हम सभी एकमत हो जाएंगे तो यह शराबबंदी पूरे तौर पर लागू होगी.
शराब को अपने जीवन में कभी भी हाथ नहीं लगाने वाले नीतीश ने सदस्यों से कहा कि ‘चैरिटी बिगिन्स एट होम’ अगर हम यहां से कानून बना रहे हैं तो हमें यहीं से शुरुआत करनी होगी यह संकल्प लेना चाहिए. इससे एक नैतिक बल पैदा होता है. यकीनन राजनीतिक दल सदन में जैसे एकमत हैं ऐसी स्थिति में यहां से एकजुटता का संदेश जाता है.
नीतीश ने प्रदेश में शराबबंदी को मन से लागू करने की अपील करते हुए कहा कि अगर कानून बनाया है तो यह हमारी नैतिकता है कि हम भी संकल्प लें कि न पीएंगे और न किसी को पीने के लिए प्रेरित करेंगे. बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी के बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2016 के पक्ष में सभी सदस्यों के होने पर इसे सर्वसम्मति से स्वीकृत होने की घोषणा की.