कुन्नूर. उत्तरी केरल की रहने वाली 19 साल की छात्रा अक्षरा अपने शिक्षा पाने की लड़ाई लड़ रही है क्योंकि वह एचआईवी पॉज़िटिव है. जिसकी वजह से कुछ साथ पढ़ने वाली लड़कियों और उनके परिवारों की शिकायत के बाद लड़की को हॉस्टल छोड़ने का नोटिस जारी किया गया है.
प्रशासन के दखल के बाद भी कॉलेज ने लड़की को हॉस्टल से निकाल दिया है. पीड़ित लड़की का कहना है कि वह हॉस्टल में रह कर आगे पढ़ना चाहती है और कॉलेज प्रशासन को चाहिए कि वह उसके रहने की व्यवस्था करे.
अक्षरा को अनाथालय में जाने को कहा गया
19 साल की अक्षरा बचपन से एचआईवाई पॉज़िटिव है. वह कॉलेज के हॉस्टल में रहने के अपने अधिकार को लेकर पूरे सम्मान के साथ डटी हुई है.रिपोर्ट के मुताबिक कुछ छात्राओं के माता-पिता ने शिकायत की कि अगर उनकी बेटियां अक्षरा के हॉस्टल में रहेंगी, एक ही बाथरूम इस्तेमाल करेंगी तो उनकी शादी करना मुश्किल हो जाएगा. हैरानी की बात यह है कि इसके बाद कॉलेज ने अक्षरा को एक अनाथालय में जाने की पेशकश की है.
अक्षरा ने बताया- मेरी मां को कॉलेज बुलाया गया प्रिंसिपल ने उनसे कहा कि कुछ अभिभावकों ने अक्षरा के हॉस्टल में रहने पर ऐतराज़ जताया है और उसे वहां से बाहर जाना होगा. मेरी मां को दूसरी जगह दिखाई गई. वह घर आईं और मुझे बोलीं कि यही तुम्हारा भाग्य है, तुम्हें हॉस्टल से दूसरी जगह जाना होगा वरना तुम पढ़ाई नहीं कर पाओगी.
जिला कलेक्टर ने किया हस्तक्षेप
अक्षरा जब छोटी थी तभी उसके पिता चल बसे थे. इसके बाद उसे उसकी मां ने ही पढ़ा-लिखाकर बड़ा किया. इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद अब जिला कलेक्टर ने दखल दिया है. कलेक्टर ने कॉलेज से कहा है कि वह उसे आठ मार्च तक वापस हॉस्टल बुलाए वरना कार्रवाई की जाएगी.
कन्नूर की डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर पी बाला किरण ने कहा, मैंने उन्हें साफ़-साफ़ बता दिया है कि छात्रा को हॉस्टल में ही रखना होगा और उसे बाहर नहीं निकाला जा सकता. अगर कोई उसके साथ भेदभाव करेगा तो क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.
कॉलेज अभी भी अपने जिद पर अड़ी है
डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर की सख़्ती के बावजूद कॉलेज ने कहा है कि वह मैनेजमेंट की बैठक के बाद उसे अपना जवाब देगा