अगरतला. रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि 2020 तक सभी पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों को रेल से जोड़ा जाएगा और अगरतला मार्च तक ब्राड गेज नेटवर्क के मानचित्र पर नजर आएगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वात्तर क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता दी है और पर्वतीय क्षेत्रों तक रेल ले जाना हमारे लिए प्रमुख चुनौती है.
मोदी सरकार ने अगले पांच सालों में भारतीय रेल की सूरत बदल देने का फैसला किया है और इस पर 8.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस नवनिर्मित रेलवे लाइन को 31 मार्च तक जरूरी मंजूरियां मिल जाएंगी, जिसके बाद यहां रेलगाड़ी चलने लगेगी.
इस समारोह में रेल राज्य मंत्री के साथ त्रिपुरा के पीडब्ल्यूडी और स्वास्थ्य मंत्री बादल चौधरी और परिवहन मंत्री माणिक डे ने सात डिब्बों के ट्रेन का स्वागत किया जिसके इंजन को फूलों से सजाया गया था. सिन्हा ने बताया कि त्रिपुरा के सबरूम से बांग्लादेश जाने वाली रेल लाइन का निर्माण कार्य दिसम्बर 2017 तक पूरा कर लिया जाएगा.
लुमडिंग-सिलचर और बदरपुर-अगरतला रेल लाइन गेज परिवर्तन की शुरुआत 1996 में हुई थी. इसे 2004 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था. इस लाइन के गेज परिवर्तन से त्रिपुरा की राजधानी अगरतला देश के दूसरे हिस्सों से सीधे जुड़ जाएगी. यहां से नजदीकी ब्रॉडगेज नेटवर्क गुवाहाटी में है जो 600 किलोमीटर दूर है.
त्रिपुरा, पश्चिमी मणिपुर और पूर्वी मिजोरम के लाखों निवासी इस रेल लाइन पर निर्भर हैं, जो अब सीधे देश भर के रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएंगे.