ओपिनियन

प्रियंका का डेब्यू भाषण: 3 M पर फोकस, भाईजान का गले लगाना और ‘बाजी’ निकल गईं आगे

संसद में संविधान पर कल से दो दिवसीय चर्चा शुरू हो गई. केरल के वायनाड से पहली बार चुनकर आईं प्रियंका गांधी ने लोकसभा में अपना डेब्यू भाषण दिया. इस दौरान वह कई बार अटकीं व ठिठकीं. फंबल के साथ कई गलतियां भी कीं लेकिन अपनी मुस्कराहट से विपक्ष की टोकाटाकी को बेअसर करती हुईं नजर आईं. उनका भाषण खत्म होने के बाद उनके पार्टी के सांसदो ने बधाई दी और भाईजान राहुल गांधी ने हग किया. बाहर निकले और मीडिया से कहा कि उनके पहले भाषण से प्रियंका का पहला भाषण बेहतर था.

महिलाओं से अपने को कनेक्ट किया

भाई बहन एक दूसरे की तारीफ करते हैं, करना भी चाहिए लेकिन सियासी तराजू पर यह देखना भी जरूरी है कि प्रियंका के इस भाषण ने भविष्य की राजनीति के लिए क्या संकेत दिया और वह कितना प्रभावी साबित होंगी. प्रियंका गांधी के पूरे भाषण को गौर से सुनिए, वह पूरी तैयारी के साथ आईं थीं और पूरा परिवार उनके साथ था. मां सोनिया गांधी, पति राबर्ट वाड्रा, बेटा रेयान वाड्रा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पहले ही दर्शक दीर्घा में आकर जम गये थे. भाई राहुल गांधी सदन में पहले से मौजूद थे ही, उन्होंने भाषण शुरू करने से पहले कंधा थपथपाया दी और भाषण के बाद गले लगाया.

यूं तो प्रियंका गांधी ने बहुत लंबा भाषण दिया लेकिन मुद्दों की बात करें तो उन्होंने 3 एम पर अपने को फोकस रखा. उन्होंने पहले एम यानी महिलाओं को लेकर मोदी सरकार को घेरा. मोदी सरकार ने नारी शक्ति वंदन आधिनियम  के जरिए संसद और विधानसभाओ में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण आरक्षण दिया है लेकिन यह अभी लागू नहीं हुआ है. प्रियंका गांधी ने इसको लेकर सवाल उठाये कि जनगणना और परिसीमन का इंतजार क्यों किया जा रहा है? हाथरस और उन्नाव की घटनाओं का जिक्र महिलाओं के साथ अपराध और उनकी बेबसी को बयां करने के लिए बखूबी किया.

मुस्लिमों को साधने की कोशिश

दूसरे एम यानी मुस्लिमों के साथ ज्यादती को भी शिद्दत से उठाया और हालिया संभल घटना के पीड़ितों से मुलाकात का जिक्र करते हुए बताया कि शोकाकुल परिवारों से कुछ लोग उनसे मिलने आए थे. उनमें दो बच्चे थे, अदनान और उजैर। उनमें से एक उनके बेटे की उम्र का था और दूसरा उससे छोटा, 17 साल का. उनके पिता दर्जी थे और उनका एक ही सपना था कि वह अपने बच्चों को पढ़ाएंगे. एक बेटा डॉक्टर बनेगा और दूसरा भी सफल होगा, उन्हें क्या पता था कि उनके साथ कुछ और ही होने वाला है.

वह हर रोज की तरह अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने गए और उसके बाद अपनी दुकान पर पहुंचे जहां पुलिस ने गोली मार दी. बेटा कह रहा है कि मैं पिता के सपने को पूरा करूंगा और डॉक्टर बनकर दिखाऊंगा. लबोलुआब यह कि पीड़ितों को साहस उस संविधान से मिल रहा है जिसे बाबा साहेब अंबेडकर ने बनाया था. संविधान की मूल भावनाओं की हरहाल में रक्षा होनी चाहिए. इसके अलावा हाथरस, उन्नाव व आगरा की घटनाओं का भी जिक्र किया और जब सत्ता पक्ष के एक सांसद इस पर हंसे तो उन्हें टोकने से भी गुरेज नहीं किया.

पीएम मोदी निशाने पर रहे

दो एम को तो प्रियंका गांधी ने साधने की कोशिश की लेकिन तीसरे एम पीएम मोदी पर खूब हमला किया. राजनीतिक लड़ाई में जब तक नेता की इमेज डेंट नहीं होती तब तक दूसरे के लिए गुंजाइश नहीं बनती. उनके भाई राहुल गांधी मोदी और अडानी को जोड़कर वार करने का कोई मौका नहीं चूकते हैं. संविधान पर चर्चा हो रही है तो देश की आजादी की लड़ाई की भी चर्चा आई लिहाजा प्रियंका ने डरपोक और कायर कहने में भी गुरेज नहीं किया. देश में जो वातावरण बन रहा है उसके लिए भी मोदी सरकार को घेरा. संविधान की रक्षा व जातिगत जनगणना दोनों को पूरी गंभीरता से उठाया. इस तरह उन्होंने अपने को तीन एम पर फोकस रखा.

प्रियंका राहुल से बेहतर वक्ता

आखिर में सवाल ये कि अपने भाई राहुल गांधी के मुकाबले अपने डेब्यू भाषण में प्रियंका गांधी कैसी साबित हुईं. भाई राहुल गांधी 2004 में पहला चुनाव जीतकर आये थे और बहन प्रियंका 20 साल बाद 2024 में संसदीय राजनीति में डेब्यू कर रही हैं. बात एक दम साफ है कि भाई के मुकाबले प्रियंका के हिंदी के लब्ज साफ हैं और विजन भी स्पष्ट है. पीएम मोदी, भाजपा और संघ पर हमलावर होते हुए भी वह कहीं गुस्से या उत्तेजना में नहीं दिखीं. पहले प्रधानमंत्री नेहरू की गलतियों और इमरजेंसी के हवाले पर भी उन्होंने साफगोई से जवाब दिया और सत्ता पक्ष से कहा कि आप भी क्यों नहीं माफी मांग लेते.

बोलते बोलते हिमाचल का जिक्र आया तो भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने टोका कि वहां तो आपकी सरकार है, फिर यह कहने में देर भी नहीं लगाई की पहली बार बोल रही हूं. सत्ता पक्ष की महिलाएं जब उनके भाषण के दौरान टोकाटाकी कर रही थीं तब भी उन्होंने उत्तेजना में रिएक्ट करने की बजाय सिर्फ मुस्कराकर जवाब दिया. भाषण की छोटी-मोटी गलतियों और फंबल को छोड़ दें तो प्रियंका गांधी अपने डेब्यू भाषण से यह संदेश देने में कामयाब रहीं कि वह कई मामलों में राहुल गांधी से बेहतर साबित होने वाली हैं. महिला होने, चेहरे पर मुस्कराहट और गंभीर बात को भी संयत अंदाज में कहना लोगों खासतौर से युवाओं को अपील कर सकता है.

Read Also-

‘संविधान हमारी आवाज…इनके पास वॉशिंग मशीन है’, संसद में पहली बार बोलीं प्रियंका गांधी

 

Vidya Shanker Tiwari

प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल में 33 साल का अनुभव. खबर के साथ अपनी विश्वसनीयता हरहाल में कायम रखना और जन सरोकार की बात करना पहली प्राथमिकता है. सहज व सरल भाषा में गंभीर मुद्दों पर बात करना अच्छा लगता है. वर्तमान में इनखबर डिजिटल के संपादक की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा हूं और कोशिश है कि खबरों में ईमानदारी, विश्वसनीयता व जनहित का भाव जरूर रहे. Media is the most powerful network to communicate to the large audience and convert big issues into country wide phenomenon. I ( Vidya Shanker Tiwari) have learned the art of communication for the past two & half decades working with most widely read national daily newspapers and TV channels. I started my career from Dainik Jagran Group where I spent several years before switching over to Rashtriya Sahara Hindi daily. My stint with this newspaper and news channel Sahara Samay as Chief reporter/ Metro Editor of Delhi and NCR spanned for eleven years. Thereafter, I joined Amar Ujala as Bureau Chief in Delhi where I contributed the newspaper a distinct image in political coverage. Though I am a craftsman of words but have strong leanings for television journalism. I have worked with A2Z News Channel (24X7) as Executive Editor cum political Editor for five years. I left strong imprint on electronic media as well as Print Media. I worked with Chronicle Group political Magazine Pratham Pravakta as Executive Editor cum political Editor & embarked upon another domain and participated in contemporary and political discussions on issues of national importance on several national news channels. Presently, I am working with iTV digital wing Inkhabar as Editor. As the media is facing the challenge of having credible and knowledgeable people of eminence, I am working hard to give my best and qualitative information to the viewers.

Recent Posts

एशिया कप के फाइनल में भारत की बेटियों ने किया कमाल , चीन को बुरी तरह रौंदा

भारत की महिला हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 2024 वीमेंस जूनियर एशिया कप…

17 minutes ago

मुंबई को जीत दिलाते ही श्रेयश अय्यर ने कर दिया ये कारनामा, दर्ज हुआ ये रिकॉर्ड

मुंबई ने श्रेयस अय्यर की कप्तानी में 2024 सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का खिताब जीतकर…

36 minutes ago

यूपी के सीएम योगी ने जाकिर हुसैन के निधन पर जताया दुख, कही ये बात

सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है, 'विश्व विख्यात तबला वादक, 'पद्म…

47 minutes ago

कौन हैं हसन मुश्रीफ… जो बने हैं फडणवीस सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री

देवेंद्र फडणवीस सरकार में हसन मुश्रीफ इकलौते मुस्लिम मंत्री हैं। 70 वर्षीय मुश्रीफ कागल सीट…

59 minutes ago

हारकर भी जीतने वाले को रजत पाटीदार कहते हैं, अब बनेंगे RCB के कप्तान?

रजत पाटीदार इस प्रदर्शन को देखते हुए आईपीएल 2025 में उन्हें कप्तानी मिलने की संभावना…

1 hour ago

तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन, 73 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। उन्हें साल…

1 hour ago