मोदी कैबिनेट के दो मंत्रियों का इस्तीफा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी व इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे दिया है. दोनों राज्यसभा के सदस्य थे और इनका कार्यकाल वृहस्पतिवार को खत्म हो रहा है. नकवी को इस बार भाजपा ने राज्यसभा नहीं भेजा और न ही लोकसभा उपचुनाव […]
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी व इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे दिया है. दोनों राज्यसभा के सदस्य थे और इनका कार्यकाल वृहस्पतिवार को खत्म हो रहा है. नकवी को इस बार भाजपा ने राज्यसभा नहीं भेजा और न ही लोकसभा उपचुनाव में रामपुर से लड़ाया.
पीएम मोदी ने कैबिनेट की बैठक में उनकी दोनों मंत्रियों की तारीफ की थी, तभी से माना जा रहा था कि कैबिनेट मंत्री के रूप में दोनों आखिरी बैठक में शामिल हो रहे हैं. जैसे ही उन्होंने इस्तीफा दिया सियासी गलियारों में दोनों को लेकर चर्चा चल पड़ी.
मोदी सरकार के जिन दो मंत्रियों का गुरुवार को कार्यकाल खत्म हो रहा है उसमें जदयू कोटे से आरसीपी सिंह और भाजपा के मुख्तार अब्बास नकवी शामिल हैं. ये दोनों नेता 7 जुलाई के बाद किसी भी सदन के सदस्य नहीं रह जाएंगे.
हालांकि बिना सांसद रहे भी छह महीने तक ये दोनों मंत्री रह सकते थे लेकिन पीएम मोदी ने अपने तरीके से दोनों को कैबिनेट से विदाई दे दी. पीएम मोदी ने कहा कि दोनों ने मंत्री रहते हुए देश के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया. इशारा साफ है कि दोनों की पारी यहीं खत्म होती है.
राजनीति के बारे में कहते हैं कि चर्चा और पर्चा इसकी खुराक हैं लिहाजा सियासी गलियारों में अटकलें लगने लगी कि मुख़्तार अब्बास नकवी को बड़ी ज़िम्मेदारी दी जा सकती है, उन्हें उपराष्ट्रपति बनाकर बीजेपी बड़ा दांव चल सकती है. 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति का चुनाव है.
इसके अलावा उन्हें जम्मू कश्मीर का उपराज्यपाल बनाने की भी चर्चा है. वहां भी परिसीमन के बाद चुनाव कराना है, मुस्लिम बहुल राज्य होने के नाते बीजेपी यह दांव खेल सकती है. फिलहाल वहां पर मनोज सिन्हा उप राज्यपाल हैं.
जहां तक आरसीपी सिंह की बात है वह जेडीयू के कोटे से मंत्री थे, नीतीश कुमार उनसे नाराज चल रहे हैं लिहाजा उन्हें तीसरी बार राज्यसभा नहीं भेजा और उनकी पारी यहीं खत्म हो गई.
बीजेपी की हैदराबाद की कार्यकारिणी बैठक में उनके भगवाधारी बनने की चर्चा थी लेकिन ऐसा हो न सका. फिलहाल भाजपा नीतीश कुमार को नाराज करने के मूड में नहीं इसलिए बिना उनकी सहमति के कोई फैसला नहीं करेगी. माना जा रहा है कि पार्टी मौका देखकर आरसीपी सिंह को लेकर चौका लगाएगी.