नई दिल्ली : राजीव गांधी की हत्या 21 मई को 1991 को हुई थी. इस हत्या में 6 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. सर्वोच्च न्यायाल ने पिछेल साल साल यानी 11 नवंबर 2022 को छह दोषियों को रिहा करने का आदेश जारी किया था. हत्या में शामिल एक कैदी ने पत्र में […]
नई दिल्ली : राजीव गांधी की हत्या 21 मई को 1991 को हुई थी. इस हत्या में 6 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. सर्वोच्च न्यायाल ने पिछेल साल साल यानी 11 नवंबर 2022 को छह दोषियों को रिहा करने का आदेश जारी किया था. हत्या में शामिल एक कैदी ने पत्र में लिखा कि आजाद कैदी का तमगा लेकर घूमने से बेहतर था सेंट्रेल जेल में उम्रकैद की सजा काटना . यह पत्र श्रीलंका के नागरिक एमटी संथन ने लिखा है जो पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के आरोप में सजा काट रहा है. एमटी संथन ने घर वापसी के लिए त्रीची जेल के स्पेशल कैंप से पत्र लिखा है.
सर्वोच्च न्यायाल ने 11 नवंबर 2022 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में 6 दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था. उसके अगले दिन यानी 23 नवंबर को श्रीहरन, नलिनी, रॉबर्ड पायस, संथन, रविचंद्रन और जयकुमार को 32 साल के बाद रिहा कर दिया गया. रविचंद्रन और नलिनी को अपने परिवार के पास जाने के लिए आदेश दे दिया गया. इसके बाद बचे 4 कैदी जो श्रीलंकाई थी उनको त्रीची सेंट्रल जेल के स्पेशल कैंप में रख दिया गया. इनके साथ ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि ये श्रीलंकाई थे.
त्रीची जेल में बंद एमटी संथन ने एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उसने लिखा है कि जिस कमरे में मैं रहता हूं वहां पर धूप भी नहीं आती है. इस पत्र में तमिल लोगों से अपील कर रहा है कि आप लोग मेरे लिए आवाज उठाइए ताकि मैं अपने देश श्रीलंका लौट सकूं. एमटी संथन पत्र में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री को पत्र लिख चुका है कि हमको अपने देश भेजने का इंतजाम कीजिए. एमटी संथन ने पत्र में आगे लिखा है कि मैं अपनी मां से पिछले 32 साल से नहीं मिल पाया हूं. इस वक्त मेरी मां बुजुर्ग हो गई है उनको मेरी जरूरत है.
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