फोर्टिस अस्पताल ने 15 दिन के डेंगू के इलाज के लिए 16 लाख का बिल थमाने वाले मामले में मृतक बच्ची के पिता को घूस देने की कोशिश की है. दरअसल अस्पताल प्रशासन अपनी झूठी शान के लिए खुद से की गई लापरवाही को छिपाना चाहता है.
नईदिल्ली: 15 दिन के डेंगू के इलाज के लिए 16 लाख का बिल थमाने को लेकर चर्चा में आए गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल के मामले में एक नया मोड़ आया है. अस्पताल प्रशासन ने 7 साल की मृतक बच्ची के पिता जयंत सिंह को इलाज के दोरान खर्च हुए करीब 10 लाख 37 हजार रूपए का चैक वापस देने के लिए कहा. इसके साथ ही अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों ने जयंत को 25 लाख रूपए बतौर ऱिश्वत के रूप में देने की कोशिश भी की.
इसके साथ ही उन लोगों ने पैसे लेने के बाद एक लीगल एग्रीमेंट करने के लिए कहा. जिसके तहत जयंत इस मामले में किसी भी तरह की बात सोशल मीडिया पर नहीं कहेंगे और इस मामले को कोर्ट में भी लेकर नही जाऐँगे. इस बात को देखकर साफ जाहिर हो रहा है कि फोर्टिस अस्पताल अपनी गलती को छुपाने की कोशिश में लगा हुआ है. गौरतलब है कि हरियाणा के मअनिज विज ने अपने एक बयान में ये जानकारी दी गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ हरियाणा सरकार अब FIR दर्ज करवाएगी.
Senior members of Fortis met me, offered me a cheque worth Rs 10,37,889 refunding the entire amount: Jayant Singh, Father of the deceased girl #Fortis #Gurugram pic.twitter.com/hW0wOy3NWD
— ANI (@ANI) December 6, 2017
They also said they will be offering me Rs 25 lakh cash on top of this, said that I will have to sign, enter into a legal agreement assuring to stop my social media campaign, or going to court and taking legal action against them: Jayant Singh, Father #Fortis #Gurugram pic.twitter.com/FN31giK57V
— ANI (@ANI) December 6, 2017
आपको बता दें पहले बच्ची द्वारका के रॉकलैंड अस्पताल में भर्ती थी. उसके बाद 31 अक्टूबर को उसे फोर्टिज अस्पताल में लाया गया था. मामले में बच्ची की मौत को लेकर परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया था. बच्ची के पिता ने अस्पताल के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की गुहार लगाई थी. मामला गरमाने पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने जांच के निर्देश दिए थे.