नई दिल्ली। बांग्लादेश हिंसा को लेकर नई दिल्ली में चल रही सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री जयशंकर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, ललन सिंह, सपा से रामगोपाल यादव समेत कई अन्य नेता शामिल हुए। विदेश मंत्री जयशंकर ने इस मुद्दे […]
नई दिल्ली। बांग्लादेश हिंसा को लेकर नई दिल्ली में चल रही सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री जयशंकर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, ललन सिंह, सपा से रामगोपाल यादव समेत कई अन्य नेता शामिल हुए। विदेश मंत्री जयशंकर ने इस मुद्दे पर विपक्ष के सभी नेताओं को ब्रीफिंग दी। विपक्ष ने साफ़ कर दिया है कि वो इस मुद्दे पर सरकार के फैसले का समर्थन करेगी।
विदेश मंत्री ने बैठक की तस्वीरें शेयर करते हुए विपक्ष की तारीफ की है। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा है कि बांग्लादेश में चल रहे घटनाक्रम के बारे में आज संसद में एक सर्वदलीय बैठक में जानकारी दी। मैं विपक्ष की तरफ से दिए गए समर्थन और समझ की सराहना करता हूं। वहीं बैठक के दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश से भारतीयों को एयरलिफ्ट करना पड़े, अभी ऐसी नौबत नहीं आई है। आगे की स्थिति में देखा जायेगा, हम कड़ी नजर रख रहे हैं। वहां पर हमारे 12 से 13 हजार भारतीय हैं। शेख हसीना अभी भारत में रहेंगी या फिर किसी अन्य देश में राजनीतिक शरण लेंगी, इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। इधर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सरकार के ऑल पार्टी मीटिंग बुलाने पर खुशी जाहिर की और कहा कि विदेशी मुद्दों पर हम एक हैं।
Briefed an All-Party meeting in Parliament today about the ongoing developments in Bangladesh.
Appreciate the unanimous support and understanding that was extended. pic.twitter.com/tiitk5M5zn
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 6, 2024
बता दें कि 1971 में जब बांग्लादेश आजाद हुआ था तो वहां 80 फीसदी कोटा सिस्टम लागू हुआ। इसमें पिछड़े जिलों के लिए 40%, स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को नौकरी में 30% और महिलाओं को 10% का आरक्षण दिया गया। वहीं सामान्य छात्रों के लिए महज 20 फीसदी सीटें रखी गई। बाद में पिछड़े जिलों के आरक्षण को घटाकर 10% कर दिया गया। इसमें अल्पसंख्यकों के लिए 5% और विकलांग छात्रों के लिए 1% कोटा और जोड़ दिया गया। जिसके बाद सामान्य छात्रों के लिए 44% सीटें बचीं। वहीं स्वतंत्रता सेनानियों के बेटे-बेटियों को मिलने वाले आरक्षण में उनके पोते-पोतियों को भी जोड़ दिया गया। छात्र इसी को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। बाद में वो शेख हसीना के इस्तीफे की मांग पर अड़ गए।
वर्तमान में बांग्लादेश में सिर्फ 7 फीसदी आरक्षण है। छात्रों के प्रदर्शन के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को 56% से घटाकर 7% कर दिया था। इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों को 5% कोटा, माइनॉरिटी, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग को 2% कोटा कर दिया गया। देश में 93% नौकरियां मेरिट के आधार पर देने का निर्णय लिया गया। हालांकि इससे भी छात्र खुश नहीं हुए और शेख हसीना के पद छोड़ने की मांग करने लगे। धीरे-धीरे यह प्रदर्शन इतना हिंसक हो गया प्रधानमंत्री को देश छोड़कर भागना पड़ा।
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