नई दिल्लीः नुदरत मुंबई के स्लम एरिया धारावी की रहने वाली हैं। जोया अग्रवाल को जब उनके बारे में पता चला तो वह नुदरत की मदद करने आगे आई हैं। नुदरत कहती हैं कि मेरी मां चाहती थीं कि मैं एयरप्लेन चलाऊं। मुझे भी एहसास हुआ कि मैं पायलट बनना चाहती हूं। दसवीं के बाद मैंने फैसला कर लिया कि मुझे आसमान में उड़ना है, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब थी। फिर भी मैं आगे बढ़ी और फ्लाइंग स्कूल का टेस्ट भी पास कर लिया, लेकिन एडमिशन के लिए रुपए नहीं थे, इसलिए नामाकंन नहीं करा पाई। नुदरत ने कहा कि जब जोया अग्रवाल को पीएम मोदी से भारत की बेटी पुरस्कार मिला, तो मुझे लगा कि वह मेरी मदद कर सकती हैं।
नुदरत कहती हैं कि जब मुझे पैसों की वजह से एडमिशन में नहीं मिला तो मैंने जोया अग्रवाल मैम से सोशल मीडिया के जरिये बाचचीत करने की कोशिश करनी शुरू कर दी। इंस्टाग्राम पर मैसेज किये और मेल किया। लगातार कोशिश के बाद मुझे जोया मैम का रिप्लाई आया, फिर फोन पर बात चीत हुई। वीडियो कॉल पर बातचीत हुई। इसके बाद जोया मैम ने मुझसे मिलने के निर्णय किया। वह आज धारावी में मेरे घर आईं और कहा है कि वह पढ़ाई में सहायता करेंगी, जिससे मैं पायलट बन सकूँ।
एयर इंडिया की पायलट जोया अग्रवाल ने नुदरत से मिलने के बाद कहा कि मैंने नुदरत से मिलकर उसकी सहायता करने का फैसला किया है, लेकिन ये बस आगाज है। स्लम की रहने वाली लड़की को पायलट बनने का सपना सच करने में मदद करने पर एयर इंडिया की पायलट कैप्टन जोया अग्रवाल कहती हैं- मैं इसे हर उस लड़की के लिए एक सपने को सच में बदलना चाहती हूं, जिसके अंदर जूनून है। विमानन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, अगले 14-15 सालों में यह दोगुना होने वाला है। हमें लड़कियों की आवश्यकता है। हम लड़कियों को सिर्फ इसलिए निराश नहीं होने दे सकते क्योंकि उनके पास संसाधनों की कमी है।
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