चेन्नई. ऑनलाइन फ़ूड डिलिवरिंग कम्पनी ज़ोमैटो ( Zomato ) एक बार फिर विवादों में घिर गई है. जोमैटो अक्सर ही अपने कर्मचारियों के चलते चर्चा में बना रहता है. हाल ही में चेन्नई में जोमैटो डिलीवरी बॉय ने शख्स को खाना इसलिए नहीं दिया क्योंकि उसे हिंदी नहीं आती थी. इस मामले में जोमैटो बॉय […]
चेन्नई. ऑनलाइन फ़ूड डिलिवरिंग कम्पनी ज़ोमैटो ( Zomato ) एक बार फिर विवादों में घिर गई है. जोमैटो अक्सर ही अपने कर्मचारियों के चलते चर्चा में बना रहता है. हाल ही में चेन्नई में जोमैटो डिलीवरी बॉय ने शख्स को खाना इसलिए नहीं दिया क्योंकि उसे हिंदी नहीं आती थी. इस मामले में जोमैटो बॉय ने कस्टमर के साथ बहस भी की और रिफंड भी नहीं दिया. बता दें इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब ग्राहक ने इसके स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर साझा कर दिए, फिर क्या था हर जगह जोमैटो की ट्रोलिंग ( Zomato trolling ) होने लगी.
जोमैटो ( Zomato ) का विवाद तब शुरू हुआ जब चेन्नई के रहने वाले विकास नाम के शख्स ने ट्विटर पर सोमवार को ट्वीट ( tweet ) किया कि ‘जोमैटो में खाना आर्डर किया और उसमें एक आइटम नहीं था, इसके बाद उन्होंने रिफंड के लिए कस्टमर केयर को फोन किया. कस्टमर केयर आफिसर ने उन्हें रिफंड करने से मना कर दिया क्योंकि उन्हें (विकास) हिंदी नहीं आती, यही नहीं कर्मचारी ने यहां तक कह दिया कि आपकी जानकारी होनी चाहिए कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। एक भारतीय होने के नाते आपको थोड़ी-बहुत हिंदी आनी चाहिए.’
An ignorant mistake by someone in a support centre of a food delivery company became a national issue. The level of tolerance and chill in our country needs to be way higher than it is nowadays. Who's to be blamed here?
— Deepinder Goyal (@deepigoyal) October 19, 2021
यह ट्वीट बहुत ही कम समय में वायरल हो गया, जिसके बाद से सबने जोमैटो ( zomato ) पर निशाना साधा. कनिमोझी ने कंपनी का नाम न लिए बगैर कहा कि कुछ कंपनियों की कस्टमर केयर सर्विस केवल चुनिंदा भाषाओं में ही काम करती है. कंपनियों के लिए अपने ग्राहकों को उनकी स्थानीय भाषा में सेवा देना अनिवार्य किया जाना चाहिए.