उत्तर प्रदेश, देश में कोरोना वायरस का कोहराम थमता हुआ नज़र आ रहा है लेकिन इसी बीच ज़ीका वायरस कहर बरसा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक जीका वायरस रोग मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा फैलाए गए एक वायरस के कारण होता है, यह मच्छर दिन के दौरान काटता है. वहीं, जीका वायरस […]
उत्तर प्रदेश, देश में कोरोना वायरस का कोहराम थमता हुआ नज़र आ रहा है लेकिन इसी बीच ज़ीका वायरस कहर बरसा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक जीका वायरस रोग मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा फैलाए गए एक वायरस के कारण होता है, यह मच्छर दिन के दौरान काटता है. वहीं, जीका वायरस ( Zika Virus ) के संक्रमण या इससे जुड़ी बीमारियों का अभी तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं है.
बीते दिनों केरल में ज़ीका वायरस का मरीज़ पाया गया था वहीं अब उत्तर प्रदेश के कानपुर में ज़ीका वायरस का नया मामला सामने आया है. बता दें कि मरीज एक 57 साल का एयरफोर्स कर्मचारी है, जिसमें डेंगू बुखार के लक्षण पाए जाने पर उसे अस्तपाल में भर्ती कराया गया था. मरीज़ को 19 अक्टूबर को भर्ती करवाया गया था लेकिन हालत में कोई सुधार न होने के बाद सैंपल नेशनल इंस्टरट्यूट आफ वायरोलाजी पुणे को सैपल्स भेजे गए. यहाँ टेस्ट रिजल्ट्स में पता चला की कर्मचारी जीका पॉजिटिव है.
उत्तर प्रदेश में पहले ज़ीका वायरस का मामला मिलने के बाद प्रदेश प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिसके चलते जिलाधिकारी विशाख जी ने एयरफोर्स अस्पताल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, उर्सला, डफरिन, कांशीराम अस्पताल के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की बैठक बुलाई. बहरहाल, मरीज और उसके करीब रहे 22 लोगों, साथ ही इलाज कर रहे स्टाफ को आइसोलेट कर दिया गया है. इन सभी का सैंपल भी जांच को केजीएमयू लखनऊ भेजा गया है.
मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा फैलाया जाने वाला ज़ीका वायरस रोगी व्यक्ति को 3-14 दिन तक जकड़े रखता है. इस वायरस से संक्रमित अधिकतर लोगों में कोई विशेष लक्षण नहीं होते. ऐसे मरीज़ों में बुखार, दाने, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता और सिरदर्द शामिल हैं और आमतौर पर यह 2 से 7 दिनों तक रहते हैं.