नई दिल्ली। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की सुरक्षा में कटौती की गई है। मलिक ने खुद इस बात की जानकारी दी है। पूर्व राज्यपाल ने कहा है कि उनकी सुरक्षा कम कर दी गई है। पहले उन्हें जेड प्लस (Z+) सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन अब उनकी सुरक्षा में सिर्फ एक पीएसओ (PSO) तैनात रहेगा। […]
नई दिल्ली। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की सुरक्षा में कटौती की गई है। मलिक ने खुद इस बात की जानकारी दी है। पूर्व राज्यपाल ने कहा है कि उनकी सुरक्षा कम कर दी गई है। पहले उन्हें जेड प्लस (Z+) सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन अब उनकी सुरक्षा में सिर्फ एक पीएसओ (PSO) तैनात रहेगा।
सुरक्षा में कटौती के बाद पूर्व राज्यपाल की प्रतिक्रिया सामने आई है। सत्यपाल मलिक ने कहा है कि किसानों के पक्ष में बोलने और केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना की आलोचना करने की वजह से उनकी सुरक्षा में कमी की गई है। बता दें कि, सत्यपाल मलिक साल 2019 में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बने थे। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त कर दिए गए थे। तब जम्मू-कश्मीर से दो केंद्र शासित प्रदेश- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बना दिए गए थे।
सुरक्षा में कटौती के बाद पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जितने भी गर्वनर रिटायर हुए हैं, उन सभी के पास अभी तक सिक्योरिटी है, लेकिन मेरी सुरक्षा पूरी तरह हटा ली गई है। मुझे सिर्फ एक पीएसओ दिया गया है, जो तीन दिन से नहीं आ रहा है। जबकि मेरी जान को खतरा है, क्योंकि जब जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटी थी तो मैं ही वहां का उपराज्यपाल था। इसके साथ ही मैंने विधानसभा भंग की थी, उस दौरान मुझे सेना के अधिकारियों ने बताया था कि आपको पाकिस्तान से भी खतरा है।
सत्यापाल मलिक ने कहा कि कश्मीर की एडवाइजरी कमेटी ने मेरे तबादले के वक्त लिखा था कि इनकी जान को खतरा है। इन्हें दिल्ली में मकान और सुरक्षा दी जाए, लेकिन अब सब खत्म कर दिया गया। गौरतलब है कि, जम्मू-कश्मीर के बाद सत्यपाल मलिक कुछ समय के लिए गोवा के भी राज्यपाल थे, इसके बाद उन्हें मेघालय का राज्यपाल बनाया गया था। अक्टूबर 2022 तक वे मेघालय के राज्यपाल रहे।
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