नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश में कांग्रेस ने वाई एस शर्मिला को बड़ी जिम्मेदारी दी है। मंगलवार को उन्हें वहां पार्टी की प्रदेश इकाई की अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बता दें कि वह सूबे के मौजूदा सीएम जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं। अब राज्य में बहन और भाई के बीच सियासी लड़ाई होगी।
आय से अधिक संपत्ति के मामले में जब जगन रेड्डी जेल में थे तो शर्मिला ही मां के साथ मिलकर पार्टी की जिम्मेदारी संभाल रही थी। चंद्रबाबू नायडू सरकार के खिलाफ माहौल शर्मिला ने ही बनाया था। भाई जगन मोहन रेड्डी को सत्ता तक पहुंचाने के लिए शर्मिला ने काफी मेहनत की थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में शर्मिला ने जमकर उनके लिए प्रचार किया था, लेकिन जगन रेड्डी के सत्ता में आते ही उनके रिश्तों में खटास आ गई। शर्मिला ने 2021 में वाईएसआर कांग्रेस छोड़ दी तथा अपनी अलग पार्टी बना ली।
हालांकि, वाइएस शर्मिला ने भाई जगन रेड्डी से सियासी टकराव न हो, इसलिए तेलंगाना को अपनी कर्मभूमि बनाने का निर्णय किया। तेलंगाना में सियासी जमीन तलाश रही शर्मिला ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का समर्थन किया और अब 4 जनवरी 2024 को अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की उपस्थिति में वाईएस शर्मिला कांग्रेस में शामिल हुईं। इसके बाद ही कांग्रेस ने शर्मिला को आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी के खिलाफ उतारने की रणनीति बनाई है जिससे विधानसभा और लोकसभा चुनाव में उच्छा प्रदर्शन कर सके।
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