26 वर्षीय अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत ने कामकाजी माहौल पर गंभीर बहस छेड़ दी है। अन्ना अर्न्स्ट एंड यंग इंडिया (EY) में चार्टर्ड अकाउंटेंट
नई दिल्ली: 26 वर्षीय अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत ने कामकाजी माहौल पर गंभीर बहस छेड़ दी है। अन्ना अर्न्स्ट एंड यंग इंडिया (EY) में चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में काम कर रही थीं। उनकी मां का आरोप है कि अत्यधिक काम के तनाव के कारण उनकी बेटी की जान गई। अब केंद्र सरकार इस मामले की जांच कर रही है।
केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने इस मामले पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है। केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि अन्ना की मौत से दुखी हैं और काम के माहौल के खिलाफ उठाए गए आरोपों की गहन जांच चल रही है।
Deeply saddened by the tragic loss of Anna Sebastian Perayil. A thorough investigation into the allegations of an unsafe and exploitative work environment is underway. We are committed to ensuring justice & @LabourMinistry has officially taken up the complaint.@mansukhmandviya https://t.co/1apsOm594d
— Shobha Karandlaje (@ShobhaBJP) September 19, 2024
भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने भी इस मुद्दे पर जांच की मांग की, इसे दुखद और परेशान करने वाला बताया। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि अन्ना की मां द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच हो।
अन्ना की मां, अनीता ऑगस्टीन ने EY के चेयरमैन को एक भावनात्मक पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी की कंपनी में शामिल होने के चार महीने बाद ही मौत हो गई। उन्होंने कंपनी के नेतृत्व से ऐसे कामकाजी माहौल में बदलाव की अपील की, जो “अधिक काम को महिमामंडित करता है और कर्मचारियों की भलाई की अनदेखी करता है।”
अनीता ने लिखा, “अन्ना बेहतरीन छात्रा थी और EY में उसकी पहली नौकरी थी। चार महीने बाद मुझे उसकी मौत की खबर मिली। वह हमेशा काम में व्यस्त रहती थी, यहां तक कि बीमार होने पर भी।”
अनीता ने बताया कि अन्ना अक्सर देर रात काम करके लौटती थी और थकावट के कारण बिना कपड़े बदले ही बिस्तर पर गिर जाती थी। काम का दबाव इतना अधिक था कि अन्ना को आराम करने का समय नहीं मिलता था।
जब उसने अपने अधिकारियों से अपनी चिंताओं के बारे में बात की, तो उन्हें जवाब मिला, “तुम रात में काम कर सकती हो, हम सब यही करते हैं।” इस मानसिक दबाव ने अन्ना को बहुत प्रभावित किया।
अर्न्स्ट एंड यंग इंडिया ने इस मामले में एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि कंपनी अन्ना की मौत से बेहद दुखी है। कंपनी ने आश्वासन दिया कि वह कर्मचारियों के कल्याण को प्राथमिकता देती है और बेहतर कार्यस्थल उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
अन्ना की दुखद कहानी ने हमारे समाज में काम के माहौल और मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल उठाए हैं। यह महत्वपूर्ण है कि कंपनियाँ अपने कर्मचारियों के भले के लिए कामकाजी माहौल को सुधारें, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को इस तरह की पीड़ा न सहनी पड़े।
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