नई दिल्ली: इस क्यूआर कोड की सहायता से आप दवा के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकेंगे। बताया जा रहा है कि शुरुआत में 300 ऐसी दवाओं की पैकिंग क्यूआर कोड के साथ होगी जो सबसे ज्यादा बिक्री होती है। नकली दवाओं पर आरोप आज के समय में दवाई का मार्केट कितना बड़ा है, […]
नई दिल्ली: इस क्यूआर कोड की सहायता से आप दवा के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकेंगे। बताया जा रहा है कि शुरुआत में 300 ऐसी दवाओं की पैकिंग क्यूआर कोड के साथ होगी जो सबसे ज्यादा बिक्री होती है।
आज के समय में दवाई का मार्केट कितना बड़ा है, यह सब जानते है और नकली दवाओं का व्यापार भी कितना बड़ा है, इसके बारे में भी किसी को बताने की जरूरत नहीं है, लेकिन अब इस पर सरकार रोक लगाने की तैयारी में है। अब अपने मोबाइल से ही स्कैन करके पता लगा सकेंगे कि कोई दवा असली है या नकली। अपने मोबाइल से ही उस दवा के साइड इफेक्ट के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने नकली दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ सिस्टम शुरू करने की योजना बनाई है। इसके तहत सबसे अधिक बिक्री होने वाले दवाओं पर क्यूआर कोड प्रिंट होगा। इस क्यूआर कोड की मदद से आप दवा के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकेंगे। बताया जा रहा है कि शुरुआत में 300 ऐसी दवाओं की पैकिंग क्यूआर कोड के साथ होगी जो सबसे अधिक बिक्री होती है।
सरकार के इस फैसले के बाद 100 रुपये से ज्यादा कीमत वाली दवाओं जैसे एंटीबायोटिक्स, कार्डिएक, पेन किलर और एंटी-एलर्जी दवा के स्ट्रैप पर क्यूआर कोड दिया जाएगा, जिन्हें स्मार्टफोन या किसी अन्य क्यूआर कोड स्कैनर से स्कैन कर सकेंगे। बताया जा रहा है कि क्यूआर कोड प्रिंट करने का आदेश फार्मा कंपनियों को सौंप दिया गया है, हालांकि सरकार की तरफ से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं दिया गया है।
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