नई दिल्ली: भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान आर्थिक संकट से घिरा हुआ है. देश में महंगाई आसमान पर है और ईंधन से लेकर मिनिमम जरूरतों की चीज़ों तक सब कुछ आम जनता की पहुँच से बाहर हो गया है. ईंधन तक की कंगाली की वजह से सरकार के उच्च पदाधिकारी अपनी तनख्वाह में कटौती कर […]
नई दिल्ली: भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान आर्थिक संकट से घिरा हुआ है. देश में महंगाई आसमान पर है और ईंधन से लेकर मिनिमम जरूरतों की चीज़ों तक सब कुछ आम जनता की पहुँच से बाहर हो गया है. ईंधन तक की कंगाली की वजह से सरकार के उच्च पदाधिकारी अपनी तनख्वाह में कटौती कर रहे हैं. हालात ये हैं कि पकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने ऐलान कर दिया है कि वह अब से अपनी तनख्वाह नहीं लेंगे. पड़ोस में आया आर्थिक संकट भारत के अंदर कई सवालों को बुलंद कर रहा है. इसी तरह का एक सवाल जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के मौजूदा अध्यक्ष और सांसद डॉ फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने उठाया है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के मौजूदा अध्यक्ष और सांसद डॉ फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने केंद्र में बैठी मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा, ‘चीन हमारी सरहद के अंदर ही बैठा हुआ है हम उससे बात कर रहे हैं लेकिन पाकिस्तान से बात नहीं कर रहे हैं.
पाकिस्तान भी बात करने के लिए तैयार है लेकिन उनको लगता है कि हम मजहब की जंग लड़कर चुनाव जीत लेंगे. ये बिल्कुल गलत है क्योंकि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है. वह कहते हैं कि हम तुर्की की मदद करने के लिए सबसे पहले पहुंच गए लेकिन हम अपने पड़ोसियों की मदद क्यों नहीं कर सकते? हमें अपने पड़ोसी देश की भी मदद करनी चाहिए. गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला आए दिन केंद्र सरकार को किसी ना किसी मुद्दे पर घेरते नज़र आते हैं. हाल ही में उन्होंने कश्मीर में चुनाव करवाने की मांग उठाई थी.
दरअसल बुधवार(22 फरवरी) को फारूक अब्दुल्ला मीडिया से बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि केंद्रशासित प्रदेश में स्थिति सामान्य होने का केंद्र का दावा सही है तो केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाए जाने चाहिए. साथ ही श्रीनगर से लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर यह आरोप भी लगाया है कि वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे पर लोगों के साथ नौटंकी कर रही है। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि , “वे (केंद्र) राज्य का दर्जा बहाल नहीं करना चाहते। यह सब हमें और दुनिया को गुमराह करने की नौटंकी है। वे यह नहीं देंगे।”
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