रामलला की मूर्ति बनाते समय आंख में लगा था पत्थर का टुकड़ा, फिर भी नहीं रुके योगीराज

नई दिल्ली: मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापना के लिए चुने जाने से योगीराज का परिवार इस बात से काफी प्रसन्न है. बता दें कि योगीराज की पत्नी विजेता ने कहा कि भगवान राम की मूर्ति बनाते समय एक नुकीला टुकड़ा उनकी (योगीराज की) आंख में चुभ गया था. दरअसल […]

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रामलला की मूर्ति बनाते समय आंख में लगा था पत्थर का टुकड़ा, फिर भी नहीं रुके योगीराज

Shiwani Mishra

  • January 17, 2024 1:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्ली: मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापना के लिए चुने जाने से योगीराज का परिवार इस बात से काफी प्रसन्न है. बता दें कि योगीराज की पत्नी विजेता ने कहा कि भगवान राम की मूर्ति बनाते समय एक नुकीला टुकड़ा उनकी (योगीराज की) आंख में चुभ गया था. दरअसल ऑपरेशन के बाद उसे हटा दिया गया, लेकिन दर्द के दौरान भी वो नहीं रुके और काम करते रहे. दरअसल उनका काम इतना अच्छा था कि हर कोई प्रभावित हुआ.

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बता दें कि अरुण योगीराज के दादा बसवन्ना शिल्पी भी एक प्रसिद्ध मूर्तिकार थे, और उन्हें मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था. साथ ही अरुण को बचपन से ही मूर्तियां बनाना पसंद था, और अरुण ने एमबीए पूरा किया, फिर इसके बाद वो एक निजी कंपनी में काम करने लगे, लेकिन मूर्तिकला को नहीं भूल सके है.

दरअसल सात महीने की कड़ी मेहनत ने अरुण योगीराज की प्रसिद्धि दुनिया भर में बढ़ा दी है. बता दें कि अरुण योगीराज कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले हैं, और उनके परिवार में कई मूर्तिकार है. दरअसल उनकी 5 पीढ़ियाँ मूर्तियाँ बनाती और तराशती हैं. हालाँकि 2008 में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और मूर्तिकला में अपना करियर बनाया, फिर उनका जोखिम सफल रहा, और वो देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार बन गए.

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