लखनऊ/नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन के हाथों 43 सीटों पर मिली हार ने बीजेपी को केंद्र में बहुमत से दूर कर दिया. पिछले करीब एक दशक से देश के सबसे बड़े सूबे पर एकछत्र राज करने वाली भाजपा इस हार को भुला नहीं पा रही है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) और […]
लखनऊ/नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन के हाथों 43 सीटों पर मिली हार ने बीजेपी को केंद्र में बहुमत से दूर कर दिया. पिछले करीब एक दशक से देश के सबसे बड़े सूबे पर एकछत्र राज करने वाली भाजपा इस हार को भुला नहीं पा रही है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) और मुख्यमंत्री योगी ने 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है.
मालूम हो कि आम चुनाव में बीजेपी, आरएलडी और सपा के 10 विधायकों ने जीत हासिल की थी. मिल्कीपुर, करहल, गाजियाबाद, कुंदरकी, सीसामऊ, मंझवा, फूलपुर, खैर, कटेहरी और मीरापुर विधानसभा सीटों के विधायक अब लोकसभा सांसद बन चुके हैं.
बता दें कि यूपी विधानसभा की ये 10 सीटें खाली घोषित हो गई हैं. इस बीच कभी भी चुनाव आयोग इन सभी सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कर सकता है. इस बीच सियासी गलियारों में चर्चा है कि 7 और विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो सकता है. बताया जा रहा है कि सपा के 7 बागी विधायक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम सकते हैं.
मालूम हो कि फरवरी 2024 में हुए 10 सीटों के राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई थी. इस दौरान दावा किया गया कि समाजवादी पार्टी के 7 विधायक- विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल, राकेश पांडेय, राकेश प्रताप सिंह, आशुतोष मौर्य, अभय सिंह और मनोज पांडेय ने बीजेपी को उम्मीदवारों को वोट दिया है. पिछले दिनों सपा के दो बागी विधायकों- अभय सिंह और राकेश प्रताप सिंह ने दिल्ली पहुंचकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुनील बंसल से मुलाकात की है. इस मुलाकात के बाद इनके बीजेपी में शामिल होने की चर्चा तेज हो गई है.