नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बांग्लादेश और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी अल्पसंख्यकों के साथ ज्यादती हो सख्ती से पेश आने की जरूरत है.
नई दिल्ली: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बांग्लादेश और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की निंदा की है। वहीं उन्होंने इसे बेहद गलत बताते हुए कहा कि सभी धर्मों के लोगों का आदर करना चाहिए. उन्होंने केंद्र सरकार पर इस मुद्दे पर चुप्पी साधने का भी आरोप लगाया.
बता दें कि फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बहुत गलत है क्योंकि वहां दूसरे धर्मों के लोग भी रहा करते हैं. वहीं उन्हें भी दूसरे धर्मों के लोगों का सम्मान करना चाहिए. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष ने केंद्र की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत के पड़ोसी देशों में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों पर कड़ी प्रतिक्रिया देना सरकार की जिम्मेदारी है.
#WATCH | Reasi, J&K: On the attack on minorities in Bangladesh and PoK, National Conference President Farooq Abdullah says, “It is very wrong as people from other religions also reside there. They should also respect people from other religions…The central government is doing… pic.twitter.com/XSnpc6V8uS
— ANI (@ANI) December 8, 2024
वहीं फारूक अब्दुल्ला ने उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के खिलाफ हो रही घटनाओं को भी उठाया. उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है. हालांकि इतना ही नहीं मस्जिदें और घर भी तोड़े जा रहे हैं.” उन्होंने इसे गंभीर मामला बताते हुए केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया.
अब्दुल्ला ने कहा कि किसी भी धर्म या समुदाय पर प्रतिबंध लगाना गलत है और सरकार को इस तरह की घटनाओं पर रोक लगानी चाहिए। पिछले कुछ समय से बांग्लादेश और सैनिकों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा हो रही है। मंदिरों पर हमले, घरों को जलाने और सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है। वहीं भारत में भी एक धर्म विशेष पर हो रहे अत्याचारों पर सवाल उठते रहे हैं. फारूक अब्दुल्ला की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर बहस तेज है.
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