Yogi Adityanath Government Action On Lohia Trust: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकर ने राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले मुलायम परिवार को बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुलायम परिवार से लोहिया ट्रस्ट बिल्डिंग छीन ली है. सरकार के राज्य संपत्ति विभाग ने शुक्रवार को लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग स्थित लोहिया ट्रस्ट का बंगला खाली कर लिया. मालूम हो कि मुलायम सिंह यादव लोहिया ट्रस्ट के अध्यक्ष और उनके भाई शिवपाल सिंह यादव इसके सचिव है. लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित लोहिया ट्रस्ट की यह बिल्डिंग शिवपाल यादव की पार्टी के कब्जे में थी और पिछले कुछ महीनों से बाजार की दर पर किराया वसूला जा रहा था.
लखनऊ. Yogi Adityanath Government Action On Lohia Trust: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकर ने राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले मुलायम परिवार को बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुलायम परिवार से लोहिया ट्रस्ट बिल्डिंग छीन ली है. सरकार के राज्य संपत्ति विभाग ने शुक्रवार को लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग स्थित लोहिया ट्रस्ट का बंगला खाली कर लिया. मालूम हो कि मुलायम सिंह यादव लोहिया ट्रस्ट के अध्यक्ष और उनके भाई शिवपाल सिंह यादव इसके सचिव है. इसके अलावा सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस ट्रस्ट के सदस्य है.
लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित लोहिया ट्रस्ट की यह बिल्डिंग शिवपाल यादव की पार्टी के कब्जे में थी और पिछले कुछ महीनों से बाजार की दर पर किराया वसूला जा रहा था. राज्य संपत्ति विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की है. राज्य संपत्ति विभाग ने एक्शन लेते हुए कड़ी सुरक्षा के बीच लोहिया ट्रस्ट की बिल्डिंग को अपने कब्जे में ले लिया. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के 6 पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगला खाली करवाने के आदेश दिए थे. लोहिया ट्रस्ट की बिल्डिंग में डॉ राम मनोहर लोहिया की मूर्ति लगी हुई है.
बता दें कि रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एसएन शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि लोहिया ट्रस्ट बंगला नियमों का उल्लंघन करके आवंटित किया गया है. इसी के साथ कई अन्य बंगले भी नियम के खिलाप आवंटित किए गए हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रस्ट और सोसायटी के अनाधिकृत बंगलों को चार महीने में खाली करने का आदेश दिया था. इससे पहले बंगला खाली करने के लिए लोहिया ट्रस्ट सरकार के राज्य संपत्ति विभाग से वक्त मांगा था.
लोहिया ट्रस्ट आवंटन रद्द होने के बाद 70 हजार रुपये प्रति महीने के हिसाब से बंगले का किराया दे रहा था. ट्रस्ट से यह किराया बाजार दर से वसूला जा रहा था. लोहिया ट्रस्ट के लिए बंगले का आवंटन एक जनवरी 2017 को नए एक्ट से किया गया था. आवंटन 10 साल के लिए किया गया था जबकि संशोधित एक्ट के मुताबिक बंगला 5 साल के लिए आवंटित किया जा सकता है.