Yeti Makalu Indian Army Himalaya Photo: भारतीय सेना ने कुछ दिन पहले फोटो शेयर करके दावा किया था कि भारतीय आर्मी की एक्सपिडिशन टीम ने 09 अप्रैल 2019 को मकालू बेस कैंप के करीब 32×15 इंच के नाप के पौराणिक कथाओं के दानव ‘येति’ के रहस्यमयी पैरों के निशान देखे हैं. इस दावे को नेपाल ने खारिज कर दिया है.
नई दिल्ली. भारतीय आर्मी ने कुछ दिनों पहले दावा किया था कि हिमालय में उन्होंने हिममानव येति के पैरों के निशान देखे हैं. पहली बार भारतीय सेना के पर्वतारोहण अभियान दल ने 9 अप्रैल 2019 को मकालू बेस कैंप के पास पौराणिक जानवर येति के रहस्यमय पैरों के निशान देखे हैं. हालांकि भारतीय आर्मी के इस दावे को ये कहकर खारिज कर दिया है कि वो पैरों के निशान जंगली जानवर के हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल आर्मी के प्रवक्ता, ब्रिगेडियर जनरल बिग्यान देव पांडे ने कहा है कि, भारतीय आर्मी की एक टीम ने पैरों के निशान देखे थे और हमारी संपर्क टीम भी उनके साथ थी. हमने इस बात को सुनिश्चित करने की कोशिश की कि पैरों के निशान किसके हैं. हालांकि स्थानिय निवासियों और कुलियों ने दावा किया है कि ये पैरों के निशान किसी जंगली भालू के हैं जो उस इलाके में अकसर देखे जाते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, क्षेत्रिय कुली जो भारतीय आर्मी के साथ थे उन्होंने भी इस दावे को खारिज कर दिया है और कहा है कि ऐसे निशान अकसर दिखते रहते हैं. केवल भारतीय मीडिया में ही नहीं बल्कि विदेशी मीडिया में भी भालू के पैरों के निशान का दावा किया गया है. विदेशी अखबार में छपी एक खबर के मुताबिक बर्फ में पैरों के निशान जंगली भालूओं और उनके बच्चों के गुजरने से बनते हैं.
उस रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे बड़ा मादा भालू चलता है जिसके पीछे उसका बच्चा चलता है. ऐसे में दोनों के पैरों के निशान एक के उपर एक बनते हैं. इन्हें देखने पर ऐसा लगता है कि निशान एक ही जानवर के पैर से बने हैं जिसे हिममानव कहा जाता है. इन्हें नापने पर ये 32 इंच के निशान होते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी मामलों में निष्कर्ष यही निकलेगा की येति के पैरों के निशान का दावा जो किया जाता है वो अंत में हिमालय के काले भालू के पैरों के निशान ही निकलते हैं.