यासीन मलिक: बैरक नंबर 7 में रहेगा यासीन मलिक , CCTV से होगी निगरानी

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने मलिक पर ₹1000000 का जुर्माना लगाया है। यासीन मलिक की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने यासीन मलिक को गैरकानूनी गतिविधियां […]

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यासीन मलिक: बैरक नंबर 7 में रहेगा यासीन मलिक , CCTV से होगी निगरानी

Girish Chandra

  • May 26, 2022 9:39 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने मलिक पर ₹1000000 का जुर्माना लगाया है। यासीन मलिक की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने यासीन मलिक को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाई। मलिक यह सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा के ऐलान के बाद तिहाड़ जेल में रखा जाएगा। अलगाववादी नेता मलिक को एनआईए कोर्ट द्वारा सजा का ऐलान किए जाने के बाद ही तिहाड़ जेल प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण बैठक भी है। इस बैठक में तिहाड़ प्रशासन के मुखिया ने यासीन मलिक की सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं।

तिहाड़ जेल प्रशासन ने यासीन मलिक को जेल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में रखने का इंतजाम किया है। फिलहाल यासीन मलिक तिहाड़ जेल की सात नंबर बैरक में बंद था और अभी वह इसी जेल में रहेगा। इस जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे यासीन वाली पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जाएगी। वह। वही यासीन मलिक की जेल्यावर कहीं और शिफ्ट होगी या नहीं इस बात को लेकर फिलहाल कोई जानकारी सामने नहीं आई है। विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने मलिक को 2 अपराधों आईपीसी की धारा 121 और यूपीए की धारा 17 के लिए दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है।

IPC 121- भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना।
UPA 17– आतंकवादी गतिविधियों के लिए राशि जुटाना।

मैंने मांगी की थी मौत की सजा

इससे पहले मामले की जांच कर रही है ना यह नहीं आसींद मलिक को मृत्युदंड दिए जाने का अनुरोध किया था। वही मलिक ने अवैध गतिविधियां कानून के तहत लगाए गए आरोपों समेत उस पर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था। अदालत में प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत 19 मई को दोषी करार दिया था।

नहीं किया सजा का विरोध

यासीन मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का विरोध नहीं करता। इन आरोपों में यूपीए किस धारा 16 17 18 धारा 20 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120b और 124a शामिल है।

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