धरना दे रहे पहलवानों का स्मृति ईरानी समेत भाजपा की महिला सांसदों को खुला पत्र, जानें क्या है मांग

नई दिल्ली: जंतर मंतर पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पिछले 22 दिनों से धरना दे रहे पहलवानों ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत भाजपा की महिला सांसदों को खुला पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से, पहलवानों ने महिला सांसदों से समर्थन की मांग की है, जिससे कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण […]

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धरना दे रहे पहलवानों का स्मृति ईरानी समेत भाजपा की महिला सांसदों को खुला पत्र, जानें क्या है मांग

Noreen Ahmed

  • May 15, 2023 8:05 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: जंतर मंतर पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पिछले 22 दिनों से धरना दे रहे पहलवानों ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत भाजपा की महिला सांसदों को खुला पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से, पहलवानों ने महिला सांसदों से समर्थन की मांग की है, जिससे कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई हो सके.

दरअसल पहलवानों का कहना है कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा लगाने वाली ये महिला सांसद हमारे दुख में भी शामिल हों और हमारा साथ दें. इसके अलावा 16 मई को देशभर के जिला मुख्यालयों पर 1 दिन के सत्याग्रह करने की मांग भी की गई है.

विनेश ने कहा- धरने दे रहे 22 दिन हो गए

जंतर मंतर पर मीडिया से बात करते हुए समय विनेश फोगाट ने बताया कि यहां धरने पर बैठे हुए आज हमें लगभग 22 दिन हो गए हैं, लेकिन अब तक भाजपा से कोई हमारे पास नहीं आया. साथ ही कहा कि कोई महिला सांसद नहीं आई. जो लोग बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देते हैं, वो लोग हमारे इस दुख में शामिल नहीं हुए हैं. कल सोमवार को हम भाजपा की महिला सांसदों को ओपन लेटर लिख कर उनसे सहायता मांगेंगे. इतना ही नहीं हमारे पहलवान उनके घर पर पत्र पहुंचाएंगे.

जानें क्या लिखा है पत्र में?

दरअसल धरने पर बैठे पहलवानों ने अपने पत्र में लिखा कि भारत की हम महिला पहलवानों का भारत के पहलवान महासंघ के अध्यक्ष द्वारा यौन उत्पीड़न किया गया है. अध्यक्षलंबे वक्त तक महासंघ के अध्यक्ष रहने के दौरान उन्होंने कई बार पहलवानों का यौन शोषण किया है. कई बार पहलवानों ने अपनी आवाज बुलंद करने का प्रयास किया लेकिन उनकी ताकत ने पहलवानों का भविष्य बर्बाद कर दिया, न्याय की तो बात ही छोड़ दीजिए.

साथ ही इस पत्र में लिखा कि अब जब पानी नाक से ऊपर जा चुका था तो हमारे पास महिला पहलवानों की अनुमति के लिए लड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था. इतना ही नहीं हमने अपने जीवन और खेल को एक तरफ रख दिया है और अपनी गरिमा के लिए लड़ने का निर्णय किया है. हम बीते 20 दिनों से जंतर-मंतर पर बैठे न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वहीं हमारे अवलोकन के मुताबिक उनकी शक्ति ने न सिर्फ प्रशासन की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी बल्कि हमारी सरकार को बहरा और अंधा भी बना दिया.

महिला पहलवानों ने इस पत्र में आगे लिखा कि सत्तारूढ़ दल की संसद की महिला सदस्य होने के नाते हमें आपसे बेहद उम्मीदें हैं और हम आपसे हमारी सहायता करने का अनुरोध करते हैं. महिला पहलवानों ने कहा कि न्याय के लिए हमारी आवाज और हमारी गरिमा को बचाओ. हमारा मार्गदर्शन करने के लिए आप लोग जंतर मंतर पहुंचने के लिए कुछ वक्त अवश्य निकाले.

 

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