WPI Inflation: 8 साल में सबसे निचले स्तर पर आई थोक महंगाई दर, जानें गिरावट की वजह

नई दिल्ली। जून महीने के थोक महंगाई दर के आंकड़े सामने आ गये हैं, जो प्रत्येक माह के 14 तारीख को प्रकाशित किए जाते हैं. 2015 के बाद इन 8 सालों में थोक महंगाई दर अब तक के सबसे निचले पायदान पर है. जून माह में थोक महंगाई दर में ऋणात्मक वृद्धि देखने को मिली […]

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WPI Inflation: 8 साल में सबसे निचले स्तर पर आई थोक महंगाई दर, जानें गिरावट की वजह

Vaibhav Mishra

  • July 14, 2023 4:32 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली। जून महीने के थोक महंगाई दर के आंकड़े सामने आ गये हैं, जो प्रत्येक माह के 14 तारीख को प्रकाशित किए जाते हैं. 2015 के बाद इन 8 सालों में थोक महंगाई दर अब तक के सबसे निचले पायदान पर है. जून माह में थोक महंगाई दर में ऋणात्मक वृद्धि देखने को मिली जो -4.12 फीसदी पर है. मई के आंकड़े को देखा जाए तो -3.8 फीसदी थी.

क्या है थोक मूल्य सूचकांक?

थोक स्तर पर सामानों की कीमतों का आकलन करने के लिए थोक मूल्य सूचकांक (WPI) का इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल थोक मूल्य सूचकांक भारत में व्यापारियों द्वारा थोक में बेचे गए सामान की कीमत में बदलाव को मापता है. इसमें मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों को सर्वाधिक महत्व (weightage) दिया जाता है. यह आंकड़ा भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार कार्यालय (वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय) द्वारा जारी किया जाता है.

क्यों आई महंगाई दर में गिरावट

वाणिज्य मंत्रालय आंकड़े के मुताबिक वैश्विक बाजार में क्रूड आयल ,नैचुरल गैस के दाम में गिरावट होना साथ ही मिनरल ऑयल, खाने-पीने का सामान बेसिक मेटल्स, टेक्सटाइल के दाम कम होना भी इसके पीछे की बड़ी वजह है.

कितनी रही महंगाई दर?

1. खाद्य महंगाई दर -1.24 फीसदी

2. फ्यूल और पावर सेगमेंट -12.63 फीसदी

3. प्राथमिक आर्टिकल्स -2.87 फीसदी

4. मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स -2.71 फीसदी

तीन महीने से है महंगाई दर शून्य से नीचे

बता दें कि, यह लगातार तीसरा महीना है जब थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई ऋणात्मक रहा अप्रैल में -0.92 फीसदी, मई में -3.8 फीसदी जबकि जून में WPI -4.12 फीसदी पर है.

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