नई दिल्ली, देश भर में महंगाई इस समय अपने चरम पर है. भारत में महंगाई दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. एक ओर खुदरा महंगाई पहले से ही 8 साल के उच्च स्तर पर है. अब थोक महंगाई ने भी नया रिकॉर्ड बना दिया है और छलांग मारकर 15 फीसदी के पार पहुँच गई […]
नई दिल्ली, देश भर में महंगाई इस समय अपने चरम पर है. भारत में महंगाई दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. एक ओर खुदरा महंगाई पहले से ही 8 साल के उच्च स्तर पर है. अब थोक महंगाई ने भी नया रिकॉर्ड बना दिया है और छलांग मारकर 15 फीसदी के पार पहुँच गई है. साल 1998 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब थोक महंगाई की दर 15 फीसदी के पार पहुंची है. इससे पहले साल 1998 के दिसंबर महीने में थोक महंगाई 15 फीसदी के पार पहुँच गई थी.
डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2022 में थोक महंगाई की दर बढ़कर 15.08 फीसदी पहुँच गई. बता दें साल भर पहले थोक महंगाई की दर 10.74 फीसदी थी. एक महीने पहले यानी मार्च 2022 में थोक महंगाई की दर 14.55 फीसदी रही थी. यह लगातार 13वां ऐसा महीना है, जब थोक महंगाई की दर 10 फीसदी से ज्यादा रही है. इस तरह भारत में एक बार फिर से भीषण महंगाई वाले पुराने दिन वापस लौट आए हैं. इससे पहले दिसंबर 1998 में थोक महंगाई की दर 15.32 फीसदी रही थी.
हाल के महीनों के ताज़ा आंकड़ों को देखें तो पिछले एक साल से थोक महंगाई लगातार बढ़ी है. इस साल फरवरी में थोक महंगाई थोड़ी कम होकर 13.43 फीसदी पर आ गई थी, लेकिन इसके बाद रूस-यूक्रेन जंग के चलते कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होने से रोज़मर्रा की चीज़ो के दाम आसमान छूने लगे हैं. इसका परिणाम ये हुआ कि महंगाई की दर भी तेजी से बढ़ने लगी. मार्च महीने में थोक महंगाई एक फीसदी से ज्यादा उछलकर 14.55 फीसदी पर पहुंच गई थी और अप्रैल में ये बढ़कर 15.08 हो गई.
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