वाराणसी: ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा-पाठ पर रोक लगाने से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया. उच्च न्यायालय ने एडवोकेट जनरल को कानून व्यवस्था दुरूस्त रखने का आदेश भी दिया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी. मालूम हो कि इससे पहले, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने व्यास तहखाने में […]
वाराणसी: ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा-पाठ पर रोक लगाने से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया. उच्च न्यायालय ने एडवोकेट जनरल को कानून व्यवस्था दुरूस्त रखने का आदेश भी दिया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी. मालूम हो कि इससे पहले, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने व्यास तहखाने में पूजा-पाठ को रोकने से जुड़ी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को पहले हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था.
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद इंतजामिया कमेटी की कानूनी टीम वकील फुजैल अय्यूबी, निज़ाम पाशा और आकांशा शामिल थे. उन्होंने गुरुवार सुबह करीब 3 बजे सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार से संपर्क किया. इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से वाराणसी जिला कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के लिए कहा. मुस्लिम पक्ष ने सुबह तीन बजे रजिस्ट्रार से करीब एक घंटे तक इस मामले पर बातचीत की.
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के सामने गुरुवार सुबह सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने दस्तावेज रखे. कागजातों को देखने के बाद सीजेआई चंद्रचूड़ ने मुस्लिम पक्ष को किसी भी तरह की कोई राहत देने से इनकार कर दिया. उन्होंने इस मामले में सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा है. ऐसे में अब माना जा रहा है कि मस्जिद इंतजामिया कमेटी इस फैसले पर रोक के लिए हाईकोर्ट का रुख करेगी.
बुधवार को वाराणसी जिला अदालत के फैसले के बाद देर रात ज्ञानवापी में व्यास तहखाने को खोल दिया गया. इसके बाद बुधवार-गुरूवार की देर रात तहखाने में 31 साल के बाद मूर्तियां रख कर पूजा-अर्चना की गई. इस दौरान मौके पर वाराणसी के डीएम और पुलिस कमिश्नर मौजूद रहे. जानकारी के मुताबिक दीप जलाकर भगवान गणेश-लक्ष्मी की आरती उतारी गई और तहखाने की दीवार पर बने त्रिशूल समेत अन्य धार्मिक चिन्हों की भी पूजा की गई.
ज्ञानवापी केस: हिंदू पक्ष को मिला पूजा करने का अधिकार, जिला कोर्ट ने सुनाया फैसला