Twin Tower Demolition: नई दिल्ली। नोएडा में बना ट्विन टावर आज आखिरकार एक लंबी लड़ाई के बाद जमींदोज हो जाएगा। इमारत को ध्वस्त करने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसी बीच साइंस, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स से पहले बिल्डिंग में आस्था का नजारा देखने को मिला है। ब्लास्ट से पहले टावर में पूजा बता […]
नई दिल्ली। नोएडा में बना ट्विन टावर आज आखिरकार एक लंबी लड़ाई के बाद जमींदोज हो जाएगा। इमारत को ध्वस्त करने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसी बीच साइंस, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स से पहले बिल्डिंग में आस्था का नजारा देखने को मिला है।
बता दें कि इमारत शांतिपूर्वक ध्वस्त हो, इसके लिए आज सुबह 11 बजे लोगों ने ट्विन टावर में पूजा की है। जिसमें 6 लोग शामिल हुए हैं। इसके साथ ही सेक्टर-46 में लोगों ने हवन भी किया है।
जानकारी के मुताबिक ट्विन टावर को ध्वस्त करने की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है। इमारत के आस-पास के दो हाउसिंग सोसाटियों को पूरी तरह खाली करा लिया गया है। फिलहाल मौके पर पूरे इलाके में 560 पुलिसकर्मी, रिजर्व फोर्स 100 लोग और एनडीआरएफ की टीम तैनात है। इसके साथ ही बिल्डिंग के 500 मीटर के इलाके को निषेध घोषित कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि ट्विन टावर को गिराया जाना भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश देना है। बिल्डरों और अधिकारियों के गठजोड़ से खरीददारों के साथ धोखा धड़ी की लंबी कहानी है। कई सालों तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद आज ट्विन टावर को ढहा दिया जाएगा।
बता दें कि बिल्डरों और अधिकारियों की मिलीभगत से खून-पसीने की कमाई एक करके अपने आशियाने के लिए पैसा जुटाने वाले कई खरीददारों का सपना टूट गया था। एमराल्ड कोर्ट के रिजिडेंट ने 12 सालों तक इस ट्विन टावर को गिराने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज के दिन यानी 28 अगस्त को ट्विन टावर को गिराने का फैसला सुनाया था। इस ट्विन टावर में एक-एक पैसा जोड़कर सैकड़ों लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे।
गौरतलब है कि इस भ्रष्टाचार की इमारत बनने की कहानी थोड़ी लंबी है। तकरीबन डेढ़ दशक पहले भ्रष्टाचार की इस बिल्डिंग के बनने की कहानी शुरु होती है। नोएडा के सेक्टर 93-A में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट (Emerald Court) के लिए भूमि आवंटन का काम 23 नवंबर 2004 को हुआ था। इस परियोजना के लिए नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक (Supertech) कंपनी को 84,273 वर्गमीटर भूमि आवंटित की थी। साल 2005 में मार्च के महीने में इसकी लीज डीड हुई थी, लेकिन उस वक्त लैंड की पैमाइश में घोर लापरवाही बरतने का मामला सामने आया। ट्विन टावर्स में 711 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे।
बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना