नई दिल्ली: तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता में लौटने के बाद हक्कानी नेटवर्क सबसे शक्तिशाली समूह के रूप में उभरा। इस ग्रुप के चार लोगों को तालिबान की कैबिनेट में जगह मिली है। हक्कानी नेटवर्क का लंबे टाइम से प्रमुख रहे जलालुद्दीन हक्कानी के मरने के बाद सिराजुद्दीन हक्कानी को इसका हेड बनाया गया।
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में मंत्री और हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख खलीफा सिराजुद्दीन हक्कानी और खुफिया महानिदेशक मावलवी अब्दुल हक वासिक ने संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया है। यहां उन्होंने यूएई के राष्ट्रपति से भी मुलाकात की। वासिक और हक्कानी के साथ अब्दुल कबीर मोहम्मद जान और नूर मोहम्मद साकिब भी यूएई पहुंचे। चारों तालिबानी नेता यूएन की मोस्ट वांटेड लिस्ट में हैं। हक्कानी पर 10 लाख डॉलर का इनाम है लेकिन यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने चारों को यात्रा प्रतिबंध पर छूट दी है। चारों तालिबानी नेताओं को हज करने के लिए ये छूट दी गई है। सिराजुद्दीन जलालुद्दीन हक्कानी यूएई से हज के लिए मक्का, सऊदी अरब पहुंचेगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति ने हज यात्रा में भाग लेने की इच्छा रखने वाले तालिबान अधिकारियों के चार दिग्गज नेताओं से यात्रा प्रतिबंध हटाया है। सुरक्षा परिषद ने अपने बयान में कहा कि तालिबान सरकार के आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी, राजनीतिक मामलों के उप प्रधान मंत्री मावलवी अब्दुल कबीर, खुफिया एजेंसी के प्रमुख अब्दुल हक वासिक और धार्मिक मंत्री नूर मोहम्मद साकिब को यात्रा प्रतिबंध से छूट दी गई है। इन लोगों को सऊदी अरब में हज यात्रा में शामिल होने की अनुमति दी गई है। चारों तालिबान को यात्रा प्रतिबंध छूट को 5 जून को मंजूरी दी गई।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने तालिबान के आंतरिक मंत्री के अधिकारियों की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा पर प्रतिक्रिया बताते हुए कहा कि मेजबान देशों को प्रतिबंधों पर विचार करना चाहिए। आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी और खुफिया प्रमुख अब्दुल हक वासीक ने यात्रा छूट की मंजूरी से एक दिन पहले संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की थी। यहां सिराजुद्दीन हक्कानी ने मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान सहित संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
सिराजुद्दीन हक्कानी का नाम ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में है। अमेरिका सिराजुद्दीन हक्कानी को अपना बड़ा दुश्मन मानता है। साल 2008 में अफगानी राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या की साजिश में हक्कानी का नाम सामने आया था। सिराजुद्दीन पर 2008 में काबुल में एक होटल पर बम हमले का आरोप है। इस हमले में छह लोग मारे गये थे, जिसमें अमेरिकी भी शामिल थे। अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक हक्कानी नेटवर्क मुख्य रूप से उत्तरी वजीरिस्तान, पाकिस्तान में स्थित है। इस ग्रुप में 3,000 से 10,000 के बीच लड़ाके हैं।
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