लखनऊ: देश को जल्द ही लग्जरी क्रूज शिप मिलने वाला है. इसका नाम है “गंगा विलास”. यह क्रूज शिप इतना आलिशान और लग्जरी है की आपकी आँखें इन्हें देखकर यकीन नहीं कर पाएंगी। साथ ही यह दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज है। पीएम मोदी 13 जनवरी को काशी से इस क्रूज शिप का आगाज़ […]
लखनऊ: देश को जल्द ही लग्जरी क्रूज शिप मिलने वाला है. इसका नाम है “गंगा विलास”. यह क्रूज शिप इतना आलिशान और लग्जरी है की आपकी आँखें इन्हें देखकर यकीन नहीं कर पाएंगी। साथ ही यह दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज है। पीएम मोदी 13 जनवरी को काशी से इस क्रूज शिप का आगाज़ करेंगे। भारत में ख़ासकर विदेशी सैलानियों के लिए यह दिलकश साबित होगा। यह क्रूज काशी और डिब्रूगढ़ के बीच 50 दिनों में 4,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। गंगा विलास कई मायनों में खास होगी। तो आइये जानते हैं…. क्रूज से जुड़ी दिलचस्प और ख़ास बातें…
गंगा-विलास’ देश का पहला रिवर क्रूज है। इस शानदार क्रूज के पहले सफर में 32 स्विस नागरिक शुमार होंगे। 4,000 किलोमीटर के सफर के दरमियान सभी लोग वाराणसी की गंगा आरती के दर्शन करते हुए काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और सुंदरबन डेल्टा से गुजरेंगे। यह क्रूज बांग्लादेश में लगभग 1,100 किमी की दूरी तय करेगा। इसमें कई हाईटेक सहूलियतें हैं। यात्रियों का यह सफर बोरिंग न हो इसके लिए भी कई सारे ख़ास इंतजाम किए गए हैं।
गंगा विलास के मालिक राज सिंह के मुताबिक, सफर के दौरान क्रूज पर नाच गाने के तमाम बन्दोबस्त किए जाएंगे। इसके अलावा एक स्टडी रूम और एक शानदार पुस्तकालय भी होगी। कुदरत के नज़ारे का लुत्फ उठाने के लिए इसमें ओपन स्पेस बालकनी बनाई गई है। यह क्रूज छह जनवरी को काशी पहुंचेगा।
इस आलीशान क्रूज में स्पा, सैलून और एंटरटेनमेंट जोन का भी इंतज़ाम है. यहाँ कई सारे इंडोर गेम खेले जा सकते हैं। इसके अलावा कई तरह के इंडियन फ़ूड परोसे जाएंगे। राज सिंह का कहना है कि वाराणसी से डिब्रूगढ़ की यात्रा के दौरान यात्रियों को उत्तर प्रदेश के ODOP और GI लेबल वाली चीज़ो से रूबरू कराया जाएगा। क्रूज पर यात्रा करने वाले स्विस पर्यटक वाराणसी के आध्यात्मिक स्थलों की सैर करेंगे। उन्हें भारतीय संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा। क्रूज में 18 सुइट होंगे। इसके अलावा क्रूज के कई हिस्सों में भारतीय हस्तशिल्पियों के हुनर की छाप नज़र आएगी. क्रूज की लंबाई की बात करें तो ये 62 मीटर और 12.8 मीटर चौड़ी होगी।