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15000 फीट की ऊंचाई पर दुनिया का पहला पोर्टेबल अस्पताल, दिल जीता सेना ने

नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना ने साथ में मिलकर 15 हजार फीट की ऊंचाई पर आरोग्य मैत्री स्वास्थ्य क्यूब्स का पहला सफल पैरा-ड्रॉप ऑपरेशन किया। इन क्रिटिकल ट्रॉमा केयर क्यूब्स को प्रोजेक्ट भीष्म (सहयोग हित और मैत्री के लिए भारत स्वास्थ्य पहल) के तहत स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है, जो […]

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15000 फीट की ऊंचाई पर दुनिया का पहला पोर्टेबल अस्पताल, सेना को सलाम
  • August 18, 2024 4:57 am Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना ने साथ में मिलकर 15 हजार फीट की ऊंचाई पर आरोग्य मैत्री स्वास्थ्य क्यूब्स का पहला सफल पैरा-ड्रॉप ऑपरेशन किया। इन क्रिटिकल ट्रॉमा केयर क्यूब्स को प्रोजेक्ट भीष्म (सहयोग हित और मैत्री के लिए भारत स्वास्थ्य पहल) के तहत स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) प्रभावित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण आपूर्ति प्रदान करने के लिए शुरू किया गया एक मिशन है।

सैनिकों को मिल सकेगा उपचार

भारतीय सेना की पैरा ब्रिगेड ने अपने उन्नत सटीक ड्रॉप उपकरणों का उपयोग करके ट्रॉमा केयर क्यूब को एयरड्रॉप करने के बाद इसकी सफल तैनाती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस ऑपरेशन ने सेना की दूरदराज और उच्च ऊंचाई वाले दुर्गम क्षेत्रों में भी प्रभावी ढंग से एचएडीआर ऑपरेशन करने की क्षमताओं को रेखांकित किया। वायु सेना ने क्यूब को एयरलिफ्ट करने और सटीक रूप से पैरा-ड्रॉप करने के लिए अपने उन्नत सामरिक परिवहन विमान सी-130जे सुपर हरक्यूलिस का इस्तेमाल किया। आमतौर पर युद्ध या आपात स्थिति में घायल सैनिकों को इलाज के लिए एयरलिफ्ट करना पड़ता है, लेकिन इस आरोग्य मैत्री हेल्थ क्यूब की मदद से युद्ध के मैदान में ही सैनिकों के लिए इलाज की सुविधा तैयार की जा सकेगी।

सेना की ताकत पर दुनिया की नजर

इस अभियान से पता चलता है कि भारतीय सेना कितनी सक्षम है और वह आपात स्थिति में लोगों की किस तरह मदद कर सकती है। सी-130जे सुपर हरक्यूलिस एक आधुनिक विमान है जो सामान और सैनिकों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में सक्षम है। इस विमान की मदद से पहाड़ी इलाकों में भी सामान आसानी से पहुंचाया जा सकता है। भारतीय सेना की पैरा ब्रिगेड भी प्रशिक्षित सैनिकों की टुकड़ी है जो पैराशूट की मदद से जमीन पर उतरती है। इस अभियान में पैरा ब्रिगेड ने अपनी विशेषज्ञता का परिचय देते हुए ट्रॉमा केयर क्यूब को सही जगह पर गिराया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ‘यह प्रदर्शन ऐसे विशेष सैन्य संसाधनों की क्षमता को रेखांकित करता है जो दूरदराज और पहाड़ी इलाकों में भी एचएडीआर ऑपरेशन को प्रभावी ढंग से सपोर्ट कर सकते हैं।’

 

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