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World Population Day 2018: जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस और क्या है इसका महत्व

नई दिल्ली. कल बुधवार को विश्व जनसंख्या दिवस 2018 है. संयुक्त राष्ट्र की पहल पर विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या और प्रजनन स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है. विश्व जनसंख्या दिवस 2018 की थीम के अनुसार परिवार नियोजन एक मानवाधिकार है. वर्ष 1989 में पहली बार इस दिन को मनाया गया था. संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल ने 1987 में बढ़ती आबादी के कारण इसे शुरू किया था. संयुक्त राष्ट्र की पहल पर इस दिन को बढ़ती आबादी के मुद्दे से निपटने और जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए शुरू किया गया था.

इस मुहिम का प्राथमिक उद्देश्य लोगों के बीच प्रजनन स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूकता फैलाने का है. बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं गरीबी के कारण प्रजनन के दौरान स्वास्थ्य की विकृतियों का शिकार हो जाती हैं. शोध से पता चलता है हर दिन बच्चे को जन्म देने के दौरान दुनिया भर में करीब 800 महिलाओं की मौत हो जाती है. इसलिए इस दिन का प्राथमिक उद्देश्य और महत्व यह है कि अधिक से अधिक लोगों को यह पता होना है कि परिवार के नियोजन के महत्व पर उनके प्रजनन स्वास्थ्य का ध्यान कैसे बढ़ाया जाए.

विश्व जनसंख्या दिवस जागरूकता का जश्न है. जो जनसंख्या के मुद्दों के बारे में लोगों को जानने और सिखाने की कोशिश करता है. जनसंख्या के मुद्दों में परिवार नियोजन, मानवाधिकार, स्वास्थ्य के अधिकार, बच्चे के स्वास्थ्य, लिंग समानता, बाल विवाह, गर्भ निरोधकों का उपयोग, यौन शिक्षा, यौन संक्रमित बीमारी आदि के बारे में जानकारी शामिल है.

विश्व जनसंख्या दिवस का महत्व क्या है?
विश्व जनसंख्या दिवस एक विशाल पैमाने पर बढ़ती दुनिया की आबादी को नियंत्रित करने की आवश्यकता और महत्व पर केंद्रित है. विश्व जनसंख्या दिवस 2018 हालांकि परिवार नियोजन के महत्व पर केंद्रित है. जिसका नारा है परिवार नियोजन एक मानव अधिकार है.

विश्व जनसंख्या दिवस 2018 के उद्देश्य
1- ये दिन युवा लड़कों और लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए मनाया जाता है.
2- युवा आयु में अवांछित गर्भधारण से बचने के लिए उचित और युवा-अनुकूल तकनीकों के बारे में उन्हें शिक्षित करना.
3- लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए प्राथमिक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करना.
4- समाज से लिंग रूढ़िवाद को दूर करने के लिए लोगों को शिक्षित करना.
5- यौन संचारित संक्रमणों के बारे में लोगों को शिक्षित करना और उन्हें कैसे रोका जा सकता है.
6- प्रत्येक जोड़े को प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना.
7- एक लड़की के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कुछ कानूनों की मांग करना.

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Aanchal Pandey

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