World Mental Health Day 2019: वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे स्पेशल- अजी छोड़िए डिप्रेशन और छोटी-मोटी परेशानी, खुश रहिए, फिल्में देखिए, गाने सुनिए, बस यही इलाज है

World Mental Health Day 2019: आज 10 अक्टूबर वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के मौके पर आप और हम डिप्रेशन को दूर भगाने की बात करेंगे. जी, ये वही तनाव है जो आप सिर पर लेकर बैठे हैं और दुनिया से अलग-अलग रहने लगे हैं. क्या पता आपका मन सुसाइड का भी करता हो. इलाज चाहते भी हैं लेकिन मिल नहीं रहा तो जान लीजिए आपकी खुशियां ही आपका ट्रीटमेंट भी है.

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World Mental Health Day 2019: वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे स्पेशल- अजी छोड़िए डिप्रेशन और छोटी-मोटी परेशानी, खुश रहिए, फिल्में देखिए, गाने सुनिए, बस यही इलाज है

Aanchal Pandey

  • October 10, 2019 4:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. आज यानी 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जा रहा है. किसी भी इंसान के लिए उसकी मानसिक हालत का ठीक होना उतना ही जरूरी है जितना उसका खानपान. अगर आप दिमागी रूप से ठीक नहीं हैं तो उसका असर सिर्फ आपकी ही नहीं बल्कि आपसे जुड़ें लोगों की जिंदगी पर भी पड़ता है. आमतौर  पर होता क्या है कि कोई शख्स डिप्रेशन जैसी बीमारी से जूझ रहा है तो वह उससे उभरने के बजाय खुद को दुनिया से अलग करने की कोशिश में लग जाता है. बस वहीं इस मानसिक बीमारी को पनपने की जगह मिल जाती है. और जब यह विकराल रूप ले लेती है तो इंसान अपनी जान देने से भी नहीं डरता. जिसे डिप्रेशन होता है उसे लगता है कि इसका कोई इलाज नहीं. जिससे यह बीमारी और ज्यादा बढ़ जाती है.

हर समय खोया रहता हूं, अकेले रोने का मन करता है, मन तो करता है जान दे दूं

ये ऊपर लिखी लाइन किसी फिल्म का डायलॉग नहीं बल्कि डिप्रेशन के मरीजों की ओर से बोले जाने वाली सबसे आम बात है. कुछ ऐसा ही होता भी है. इंसान का कहीं भी मन नहीं लगता, हमेशा अकेले रहने का मन करता है. उजाले से ज्यादा अंधेरा पसंद आता है. हमेशा थकान रहती है और भी न जाने कितने वजहों से डिप्रेशन अपने आने की दस्तक देता है. काफी लोग जो बेसिक लेवल पर इसे पकड़ लेते हैं तो इलाज आसानी से हाथ में आ जाता है. और अगर यह बढ़ जाता है तो सिर्फ मेडिकल साइंस के पास ही इसका इलाज बचता है.

”मैं मरना चाहता हूं” का इलाज तो आलिया भट्ट की डियर जिंदगी फिल्म में छिपा है

कई बार हमें इन्हीं फिल्मों में या किसी गाने में अपना इलाज मिल जाता है. इसलिए अगर पिछले कुछ दिनों से किसी बात को लेकर मन परेशान है. सिर पर कोई बात लगातार हावी है तो मेरी मानिए और एक बढ़िया सी बॉलीवुड या हॉलीवुड या किसी भी भाषा में पसंद अच्छी से फिल्म देख लीजिए या जिस तरह का संगीत पंसद है वो सुन लीजिए. लेकिन ध्यान रहे वो फिल्म या गाना डार्क न हो जो आपको सोचने पर ज्यादा मजबूर कर दे. डिप्रेशन के मरीज को सोचना ही नहीं होता है क्योंकि सोच-सोच कर ही आपने ये हालत अपनी बनाई है.

स्मार्टफोन-सोशल मीडिया से बाहर निकलकर परिवार और दोस्तों से मिलिए, अच्छा लगेगा

”आज मेरा मन नहीं है बस अकेला कमरे में रहूंगा. मन होगा तो थोड़ा फोन चलाऊंगा. मिलने भी किससे जाऊं. किससे बात करूं. चलो थोड़ा फेसबुक चला लेता हूं. नहीं इसमें मन नहीं लग रहा. मेरा मन क्यों नहीं लग रहा. सब अजीब सा है. ये घरवाले कैसी बात कर रहे हैं, दोस्तों को क्या हो गया है बिना बात मजाक कर रहे हैं. सभी पागल हैं इस दुनिया में.”

कुछ ऐसा सा ही एक डिप्रेशन के मरीज का मन काम करता है. आपकी स्थिति के अनुसार, यह अलग हो सकता है लेकिन परेशानी सबकी एक है कि दुनिया में वह सबसे ज्यादा अकेला है. लेकिन वह अकेला नहीं होता है. कई बार दोस्त और परिवार के लोग मिलकर उसे इस तनाव से उभारने की कोशिश करते हैं लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आता और वह उनसे हालत सुधारने के लिए समय मांगता है और फिर वापस अकेली दुनिया में चला जाता है. जबकि उसके इलाज की चाबी परिवार और दोस्तों की बातों में छिपी है और यही हम मिस कर देते हैं. इसलिए हमेशा खुश रहिए, खूब घूमिए, परिवार और दोस्तों को ज्यादा से ज्यादा समय दीजिए. 

अब इस आर्टिकल को खत्म मशहूर एक्टर और कॉमेडियन जिम कैरी की बात से करते हैं जो खुद भी सालों तक डिप्रेशन का शिकार रहे- ”जब हर दिन आप सुबह में उठो तो बस यही सोचो कि ये जो जिंदगी हमें मिली है, बेहद खूबसूरत है.”

डिप्रेशन से दूर रहने के लिए साहो एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर करती हैं मेडिटेशन

रोजाना खाएंगे अंगूर तो डिप्रेशन जैसी बीमारी से रहेंगे कोसों दूर, यकीन ना आए तो पढ़ें ये रिपोर्ट

https://www.youtube.com/watch?v=o-6q5dHVKQw

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