नई दिल्लीः चीन ने दुनिया की सबसे गहरी प्रयोगशाला(World Deepest Lab) बनाई है जिसकी गहराई 2400 मीटर है यानी धरती से करीब 2.5 किलोमीटर नीचे। बता दें कि चीन दावा कर रहा है कि धरती की गहराई में वह ‘डार्क मैटर’ की तलाश में गया है। चीन ने इस प्रयोगशाला में काम करना भी शुरू […]
नई दिल्लीः चीन ने दुनिया की सबसे गहरी प्रयोगशाला(World Deepest Lab) बनाई है जिसकी गहराई 2400 मीटर है यानी धरती से करीब 2.5 किलोमीटर नीचे। बता दें कि चीन दावा कर रहा है कि धरती की गहराई में वह ‘डार्क मैटर’ की तलाश में गया है। चीन ने इस प्रयोगशाला में काम करना भी शुरू कर दिया है।
ऐसा कहा जाता है कि पूरी दुनिया डार्क मैटर से बनी है। डार्क मैटर वैज्ञानिकों के लिए आज भी रहस्य बना हुआ है। वैज्ञानिक का कहना हैं कि डार्क मैटर और डार्क एनर्जी की वजह से ही पूरा यूनिवर्स एक क्रम में बंधा हुआ है। पिछले साल अमेरिका में डार्क मैटर की खोज के लिए लक्स जेप्लिन एलजेड नाम का एक प्रयोग किया गया था।
बता दें कि चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने गुरुवार को जानकारी दी है कि चीन धरती के नीचे जिस प्रयोगशाला में काम कर रहा है और उस प्रयोगशाला(World Deepest Lab) का नाम जिनपिंग लैब है और उसे बनाने में करीब तीन साल का समय भी लगा।
सिंघुआ के भौतिक विज्ञानी के अनुसार हम जितनी गहराई में जाएंगे हम उतनी ही कॉस्मिक किरणों को रोक सकेंगे। यही कारण है कि गहराई में बनी हुई लैब डार्क मैटर का पता लगाने के लिए एक अल्ट्रा क्लीन साइट मानी जाती है।