नई दिल्ली। हर साल 3 जून को दुनिया भर में विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। विश्व साइकिल दिवस मनाने के पीछे कई उद्देश्य और लाभ हैं। साइकिल हमारे पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, वहीं साइकिल चलाना सेहत के लिए भी फायदेमंद है। ऐसे में साइकिल का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। वाहन के […]
नई दिल्ली। हर साल 3 जून को दुनिया भर में विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। विश्व साइकिल दिवस मनाने के पीछे कई उद्देश्य और लाभ हैं। साइकिल हमारे पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, वहीं साइकिल चलाना सेहत के लिए भी फायदेमंद है। ऐसे में साइकिल का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। वाहन के रूप में देखा जाए तो भारतीय संदर्भ में बहुत से लोग स्कूल, कॉलेज से कार्यस्थल तक जाने के लिए साइकिल का उपयोग करते हैं। यह पर्यावरण के लिए एक महान उपकरण है।
डीजल-पेट्रोल का उपयोग कम करने के साथ-साथ शहर का प्रदूषण स्तर भी कम हुआ है। वहीं स्वस्थ रहने के लिए साइकिल का भी उपयोग किया जाता है। साइकिल चलाने से वजन कम होता है, मांसपेशियों की मजबूती, अच्छी एक्सरसाइज आदि होती है। ऐसे कई लाभों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं साइकिल दिवस मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई? पहला साइकिल दिवस कब मनाया गया था और कहाँ मनाया गया था? आइए जानते हैं विश्व साइकिल दिवस के इतिहास के बारे में।
साइकिल का आविष्कार कब हुआ?
यूरोपीय देशों में साइकिल का उपयोग करने का विचार लोगों के मन में 18वीं शताब्दी के दौरान आया, लेकिन साइकिल का आविष्कार सबसे पहले 1816 में पेरिस में एक कारीगर ने किया था, उस समय इसका नाम हॉबी हॉर्स कहा जाता था। बाद में 1865 में फुट पेडल व्हील का आविष्कार किया गया था। इसे वेलोसिपेड कहा जाता था। इसे चलाने में काफी थकान होने के कारण इसे हरदोद कहा जाने लगा। वर्ष 1872 में इसे सुंदर रूप दिया गया था। पतली लोहे की छड़ के पहिये लगाए गए थे। इसे आधुनिक साइकिल कहा जाता था। यह आज उपलब्ध साइकिल का रूप है।
विश्व साइकिल दिवस की शुरूआत कब हुई?
साइकिल दिवस की शुरूआत वर्ष 2018 में शुरू हुई। अप्रैल 2018 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व साइकिल दिवस मनाने का निर्णय लिया। इसके लिए 3 जून की तारीख तय की गई थी। तब से भारत समेत कई देश हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाते हैं।
साइकिल दिवस क्यों मनाया जाता है?
दरअसल टेक्नोलॉजी के विकास के साथ-साथ वाहनों का इस्तेमाल बढ़ने लगा। इसका लोगों की दिनचर्या पर गहरा असर पड़ा। लोगों ने समय बचाने और सुविधा के लिए साइकिल चलाना कम कर दिया। बाइक, कार आदि को परिवहन का साधन बना दिया गया है। लेकिन इस दिन की शुरुआत बच्चों और अन्य लोगों को साइकिल के उपयोग और जरूरत के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से की गई। इस दिन की शुरुआत लोगों को स्कूलों, कॉलेजों, शैक्षणिक संस्थानों, कार्यालयों, सोसाइटियों आदि में साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हुई थी।
साइकिल दिवस किन देशों में मनाया जाता है?
जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2018 में 3 जून को विश्व साइकिल दिवस घोषित किया, तो कई देशों ने उनके फैसले का समर्थन किया। इस दिन को शुरू करने के लिए लेस्ज़ेक सिबिल्स्की द्वारा अभियान शुरू किया गया था, जिसे तुर्कमेनिस्तान और 56 अन्य देशों ने समर्थन दिया था। हर साल विश्व साइकिल दिवस की एक थीम निर्धारित की जाती है, जिसके आधार पर दुनिया के सभी देश विश्व साइकिल दिवस मनाते हैं।
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