पीरियड्स में महिलाओं को मिलेगी छुट्टी ! सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

नई दिल्ली : महिलाओं को मासिक धर्म के समय काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ये मुद्दा हर समय उठता रहता है कि मासिक धर्म के समय महिलाओं को छुट्टी दी जाए. इससे संबंधित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. मासिक धर्म में महिलाओं को छुट्टी दी जाने वाली जनहित याचिका पर […]

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पीरियड्स में महिलाओं को मिलेगी छुट्टी ! सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

Vivek Kumar Roy

  • February 15, 2023 4:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : महिलाओं को मासिक धर्म के समय काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ये मुद्दा हर समय उठता रहता है कि मासिक धर्म के समय महिलाओं को छुट्टी दी जाए. इससे संबंधित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. मासिक धर्म में महिलाओं को छुट्टी दी जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट इस जनहित याचिता पर 24 फरवरी को सुनवाई करेगा.

मासिक धर्म के दौरान छुट्टी की उठी मांग

मासिक धर्म के दौरान छुट्टी वाली जनहित याचिका के तहत सभी राज्य सरकार को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि वे छात्राओं और काम करने वाली महिलाओं को उनके संबंधित कार्यस्थलों पर मासिक धर्म के दौरान होने वाली तकलीफ के लिए नियम बनाएं और छुट्टी भी प्रदान करें. इसके साथ ही मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 की धारा 14 का अनुपालन करें. सुप्रीम कोर्ट के जीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिवक्ता शैलेंद्र मणि त्रिपाठी द्वारा मामले का उल्लेख करने और मामले की जल्द सुनवाई की मांग के बाद मामले को 24 फरवरी को सुनवाई को लिए पोस्ट किया है.

1961 के तहत मिल सकती है छुट्टी

मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के तहत यह अनिवार्य कर दिया गया है कि सभी संस्थान अपनी महिला कर्मचारियों को गर्भावास्था के समय, गर्भपात के मामले में और नसबंदी ऑपरेशन के लिए और बीमारी के साथ-साथ उत्पन्न होने वाली चिकित्सीय समस्याओं के मामले में निश्चित समय के लिए ग्रांट पेड लीव दें.

1961 का अधिनियम तो देश के हर राज्य में लागू है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि मातृत्व लाभ अधिनियम का पालन ठीक से नहीं होता है.

बिहार में 1992 से मिलता है पीरियड लीव

देश का एकमात्र राज्य बिहार जहां पर 1992 से महिलाओं को 2 दिन का विशेष मासिक धर्म अवकाश प्रदान कर रहा है. भारत में आजादी से पहले 1912 में कोचीन की तत्कालीन रियासत में स्थित त्रिपुनिथुरा में गर्ल्स स्कूल ने छात्रों को उनकी परीक्षा के समय पीरियड लीव लेने की अनुमति दी थी.

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