नई दिल्ली. देश की आज़ादी को 75 साल हो गए हैं, लेकिन महिलाएं आज भी पूरी तरह से आज़ाद नहीं है. पहले भी महिलाओं के एनडीए ( नेवल डिफेन्स आर्मी ) प्रवेश को लेकर काफी विवाद हो चूका है, जिसपर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने एनडीए में महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी दे चुकी है. इसी क्रम में आज सुप्रीम कोर्ट में महिलाओं की बड़ी जीत हुई हैं, एक लंबित याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 39 महिलाओं के स्थाई कमीशन ( Women permanent commission in defence ) पर जल्द निर्णय निकालने को कहा है.
महिला उम्मीदवारों के मुताबिक मार्च 2021 में महिलाओं के स्पेशल सेलेक्शन बोर्ड में 60 फीसदी अंक लाने वाली महिलाओं को स्थाई कमीशन देने की बात कही थी, बशर्ते इनका अनुसाशनहीनता का कोई मामला न हो. लेकिन इसके बाद भी सेना में इन महिलाओं को स्थाई कमीशन नहीं दिया गया. महिला अधिकारियों की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस बीवी नागरत्ना ने सरकार को फटकार लगाते हुए इन महिलाओं को स्थाई कमीशन देने की बात कही है.
इस सुनवाई के दौरान कहा गया कि 72 में से एक महिला अफसर ने सर्विस से रिलीज करने की अर्जी दी है, इसलिए बाकी 71 मामलों पर पुनर्विचार किया जाए, जिसमें से केवल 39 को स्थायी कमीशन दिया जा सकता है. क्योंकि बाकी 32 में से 7 चिकित्सकीय रूप से अनुपयुक्त हैं जबकि 25 के खिलाफ अनुसाशनहीनता का मामला दर्ज है और उनकी ग्रेडिंग खराब है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने 39 महिलाओं को सेना कमीशन देने और 25 महिलाओं के स्थाई कमीशन न देने के कारणों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
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