Women Military Police Recruitment: पहली बार सेना ने मिलिट्री पुलिस में भर्ती के लिए महिलाओं के आवेदन आमंत्रित किए हैं. सैनिक सामान्य पुलिस (महिला सैन्य पुलिस) की भर्ती के लिए आवेदन खिड़की आज यानि 25 अप्रैल से खुल गई है. सेना द्वारा जारी इसकी अधिसूचना के मुताबिक ये आवेदन 8 जून तक चलेंगे. जानें मिलिट्री पुलिस में भर्ती के लिए महिलाएं आवेदन कैसे कर सकती हैं?
नई दिल्ली. भारतीय सेना ने पहली बार एक बड़ा कदम उठाया है. भारतीय सेना ने एक आधिकारिक विज्ञापन अखबार में दिया है जिसके मुताबिक पहली बार भारतीय सेना मिलिट्री पुलिस में महिलाओं की भर्ती करने वाली है. ये विज्ञापन सरकार द्वारा इस बारे में घोषणा करने के तीन महीने बाद दिया गया है. सरकार ने अपनी घोषणा में कहा था कि सेना में पर्सनल बिले ऑफिसर रैंक, पीबीओआर पर महिलाओं को भी भर्ती किया जाए.
सैनिक सामान्य पुलिस (महिला सैन्य पुलिस) के आवेदन शुरू हो चुके हैं. 25 अप्रैल से आवेदन लिंक खोल दिया गया है. ये आवेदन 8 जून को बंद कर दिए जाएंगे. इस बारे में सेना ने विज्ञापन में जानकारी दी है. वहीं सरकार ने जब ऐसा करने की घोषणा की थी, उस समय 18 जनवरी को सत्ता में बैठी भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करके कहा था कि ऐतिहासिक फैसला, मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि महिलाओं को मिलिट्री पुलिस में पर्सनल बिले ऑफिसर रैंक पर भर्ती किया जाए. ये महिला सशक्तिकरण के लिए और सैन्य बलों में उनकी छवी के लिए बेहद अहम है.
https://www.youtube.com/watch?v=z2ZAPYAM_GA
कैसे करें आवेदन
इसमें आवेदन ऑनलाइन किए जा सकते हैं. महिलाएं अपनी जानकारी ऑनलाइन दे सकती हैं.
– पहले आधिकारिक वेबसइट joinindianarmy.nic.in पर जाएं.
– साइट पर कैप्चा कोड डालें.
– सब्मिट करें.
– साइट पर ऑफिसर सेलेक्शन ड्राप डाउन में महिला भर्ती योजना पर क्लिक करें.
– अप्लाई ऑनलाइन के नीचे दिए जानकारी के लिंक पर क्लिक करें.
– सभी जानकारी ध्यान से पढ़ें और दस्तावेज जमा कर लें.
– आवेदन पत्र के प्रिंट निकालकर दिए गई जानकारी के मुताबिक भरें.
– दिए गए पते पर अपना आवेदन पत्र पोस्ट कर दें.
ध्यान रहे महिला उम्मीदवारों को इसके लिए आवेदन 8 जून से पहले करने होंगे. पीबीओआर में नियुक्त लोगों की जिम्मेदारियों में बलात्कार, छेड़छाड़ और चोरी जैसे अपराधों की जांच शामिल है. साथ ही सैन्य अभियान जहां सेना को पुलिस सहायता की आवश्यकता होती है जैसे, सीमा पार शत्रुता के दौरान गांवों को खाली करने में सहायता, महिलाओं और बच्चों सहित शरणार्थियों की भीड़ नियंत्रण, महिलाओं की घेराबंदी और खोज कार्यों के दौरान (ज्यादातर जम्मू और कश्मीर में) और औपचारिक और साथ ही पुलिस कर्तव्य.