नई दिल्ली. केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्रसीमा वाली महिलाओं के प्रवेश के फैसले के खिलाफ डाली गई पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 13 नवंबर को सुनवाई करेगा. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मंगलवार को इस मामले पर विचार किया जाएगा कि पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई कब से शुरू की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को सबरीमाला मंदिर पर फैसला सुनाते हुए मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर रोक को असंवैधानिक करार दिया था.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का काफी विरोध हो रहा है. 16 अक्टूबर को सबरीमाला मंदिर के कपाट खुले थे जो 22 अक्टूबर को बंद हो गए हैं. इस दौरान कई महिलाओं ने प्रवेश की कोशिश की लेकिन इसका विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने उन्हें मंदिर में घुसने नहीं दिया. मंदिर के कपाट खुलने से पहले से ही सबरीमाला मंदिर के बाहर भारी संख्या में प्रदर्शनकारी महिलाओं को रोकने में लगे थे. प्रदर्शनकारियों ने आखिरी दिन तक मंदिर में किसी भी महिला को घुसने नहीं दिया. सबरीमाला मंदिर के कपाट सोमवार को बंद हो गए लेकिन 10 से 50 साल की एक भी महिला मंदिर में एंट्री नहीं ले पाई.
नेशनल अयप्पा डिवोटी एसोसिएशन समेत कई अन्य संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर तुरंत सुनवाई करने से इंकार कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट में उसके फैसले के खिलाफ 19 पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई हैं. इन याचिकाओं में मांग की गई है कि 800 साल पुरानी परंपरा को बरकरार रखते हुए महिलाओं की एंट्री फिर से बंद कर दी जाए.
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