Women Beaten after Entry in Sabrimala Temple: सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली महिला कनक दुर्गा की सास ने की पिटाई, अस्पताल में भर्ती

Women Beaten after Entry in Sabrimala Temple: सबरीमाला मंदिर में प्रवेश और दर्शन कर चुकी महिला कनक दुर्गा के खिलाफ लोगों का आक्रोश कम ही नहीं हो रहा. पहले महिला के घर में तोड़ फोड़ की गई. अब खबर है कि कनक दुर्गा की सास ने एक झगड़े के बाद उसे बहुत पीटा. इसके बाद कनक दुर्गा को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया. कनक दुर्गा की सास भी इस बात से नाराज थी कि उसने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश किया था.

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Women Beaten after Entry in Sabrimala Temple: सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली महिला कनक दुर्गा की सास ने की पिटाई, अस्पताल में भर्ती

Aanchal Pandey

  • January 15, 2019 2:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

केरल. सबरीमाला मंदिर में महीने की शुरुआत में दो महिलाओं ने प्रवेश किया और भगवान अयप्पा के दर्शन किए. इसी के बाद दोनों महिलाओं के खिलाफ लोगों ने आक्रोश जताया. 2 जनवरी को दोनों महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश किया था. उसी दिन लोगों ने उनके घरों में तोड़ फोड़ की थी. अब खबर है कि दोनों में से एक महिला कनक दुर्गा पर हमला हुआ और ये हमला उसी की सास ने किया है. कनक दुर्गा की सास ने उसे इतना पीटा की उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा.

कहा जा रहा है कि 39 वर्षीय कनक दुर्गा मंगलवार को जब अपने घर पहुंची तो उनकी अपनी सास से बहस हो गई. बहस के दौरान कनक की सास ने उसके सिर पर जोर से वार किया जिससे कनक जख्मी हो गई. कनक का परिवार और उनकी सास सबरीमाला में उनके प्रवेश करने के कारण नाराज हैं. इसी बात पर कनक की अपनी सास से बहस हुई. दोनों के बीच बहस हाथापाई में बदल गई. कनक के सिर पर उसकी सास ने गुस्से में वार किया. डॉक्टरों का कहना है कि कनक की चोट गंभीर नहीं हैं लेकिन उन्हें अभी इलाज की जरूरत है. कनक अपने घर के पास ही एक अस्पताल में भर्ती हैं.

बता दें कि कनक दुर्गा के अलावा बिंदू अम्मिनी ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करके भगवान अयप्पा के दर्शन किए थे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक हटाए जाने के बाद कनक और बिंदू मंदिर में प्रवेश करने वाली पहली महिलाएं थीं. दरअसल सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ये रोक हटा दी. फिर भी कट्टरपंथी संगठनों ने इसका विरोध किया और किसी भी महिला को मंदिर में नहीं जाने दिया. 2 जनवरी सुबह 3 बजे के आसपास कनक और बिंदू ने पुलिस सुरक्षा के साथ प्रवेश किया और भगवान के दर्शन किए. इसी के बाद लोगों ने उनका विरोध किया.

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