नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम – कोर्ट में शनिवार यानी 17 दिसंबर से विंटर वेकेशन शुरू हो रहे हैं। बता दें , दो हफ्ते की छुटि्टयों से पहले शुक्रवार सुप्रीम कोर्ट का लास्ट वर्किंग डे है। इसके बाद कोर्ट 2 जनवरी को ही दोबारा खुलेगी। यह जानकारी CJI डीवाय चंद्रचूड़ ने बताई , […]
नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम – कोर्ट में शनिवार यानी 17 दिसंबर से विंटर वेकेशन शुरू हो रहे हैं। बता दें , दो हफ्ते की छुटि्टयों से पहले शुक्रवार सुप्रीम कोर्ट का लास्ट वर्किंग डे है। इसके बाद कोर्ट 2 जनवरी को ही दोबारा खुलेगी। यह जानकारी CJI डीवाय चंद्रचूड़ ने बताई , उन्होंने कोर्ट रूम में मौजूद वकीलों को कहा कि 1 जनवरी तक कोई भी वेकेशन बेंच नहीं होगी।
जानकारी के अनुसार ,कोर्ट की छुटि्टयों से जुड़ा मुद्दा पहले भी उठाया जा चुका है। इस पर पूर्व CJI एनवी रमना समेत कई जजों ने कहा था कि यह गलत धारणा है कि जज छुटि्टयों के दौरान आराम में रहते हैं। बता दें , जुलाई 2022 में रांची में ‘लाइफ ऑफ ए जज’ पर जस्टिस एसबी सिन्हा मेमोरियल लेक्चर देते हुए तत्कालीन CJI रमना ने बताया था कि जजों की रातों की नींद उड़ जाती है और वे अपने फैसलों पर बार-बार विचार करते हैं न कि अपनी छुट्टियों पर ध्यान देते है ।
जस्टिस रमन ने कहा था- “लोगों के मन में यह गलत धारणा है कि जज परम आराम में रहते हैं और उनके पास कोई काम नहीं है , वे केवल सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक काम करते हैं और अपनी छुट्टियों का आनंद लेते हैं। लेकिन ये सब झूठी कहानियां हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब हमारे ‘आसान जीवन’ के बारे में झूठी कहानी गढ़ी जाती हैं तब इन्हें हजम कर पाना मुश्किल हो जाता है क्यूंकि हकीकत कुछ और होती है ।
हम वीकेंड्स और कोर्ट वेकेशन में भी रिसर्च करने और लंबित फैसलों को लिखने का काम जारी रखते हैं , ये हमारी इस देश और यहां के नागरिकों के प्रति ज़िमेदारी है जो हम अपनी छुट्टियों और अन्य दिनों में निभाते है । अंत में उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें अपने जीवन की कई खुशियों को खोना पड़ता है और अपने काम को महत्त्व देना होता है ।”
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