Winter Session of Parliament Argument, Sansad ka Sheetkaalin Satra Aaj Se Shuru: संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है. संभावना है कि नागरिक संशोधन विधेयक और मंदी को लेकर बहस हो सकती है. नागरिकता संशोधन विधेयक को सरकार शुरू करने के लिए दृढ़ संकल्पित है. इसके परिणामस्वरूप गंभीर बहस हो सकती है क्योंकि यह विधेयक उत्तर-पूर्व क्षेत्र में मजबूत भावनाओं को प्रकट करता है. कांग्रेस के नेतृत्व वाले ब्लॉक ने 'आर्थिक मंदी', 'बेरोजगारी' और 'आंकड़ों को छिपानी' पर बहस के लिए तैयारी की है. इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर में 'सामान्य स्थिति' एक और विवादास्पद विषय है.
नई दिल्ली. सोमवार यानि आज से शुरू होने वाला संसद सत्र हंगामेदार रहेगा क्योंकि सत्तारूढ़ बीजेपी नए लोकसभा चुनाव के पहले सत्र में दिखाए गए अधिकार को मजबूत करने के लिए उत्सुक दिख रही है, जबकि विपक्ष समर्थक लोगों के मुद्दों को उठाते हुए सरकार को भड़काने के लिए और अड़े रहने के लिए बेताब दिखाई दे रहा है. मोदी सरकार ने न केवल ट्रिपल तालक पर अपने प्राथमिकता बिलों को पारित करने का काम किया और एनआईए की शक्तियों को बढ़ाने के लिए, राज्यसभा में बहुमत सुनिश्चित करके विपक्ष को डगमगाया. यह विपक्ष के कवच में एक बड़ी सेंध की तरह सामना आया, जिसने अपनी संख्यात्मक श्रेष्ठता के आधार पर पहले मोदी शासन को सफलतापूर्वक चुनौती दी थी.
हालांकि, विपक्ष ने हाल के हफ्तों में कुछ विवादास्पद मुद्दों को उतारा है जिससे यह माना जा रहा है कि संसद सत्र के दौरान बहस हो सकती है. कांग्रेस की अगुवाई वाले इस दल ने आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और असुविधाजनक आंकड़ों पर चर्चा को मुद्दा रखा है. इसके अलावा, जम्मू और कश्मीर में सामान्य स्थिति एक और विवादास्पद विषय है. नागरिकता संशोधन विधेयक, जिसे सरकार शुरू करने के लिए दृढ़ संकल्पित है इस पर बहस हो सकती है. क्योंकि यह विधेयक उत्तर-पूर्व क्षेत्र में मजबूत भावनाओं को प्रकट करता है. कांग्रेस ने बिल का विरोध करने के अपने फैसले की घोषणा की है.
विपक्ष की खुद को लोकसभा में गिनाने की क्षमता, जहां सत्तारूढ़ गठबंधन का भारी बहुमत है, पर पूरी निगाह रखी जाएगी. लेकिन ज्यादा अहम होगा राज्यसभा में बहस जहां बड़ा मुद्दा यह है कि क्या कांग्रेस राज्यसभा में अपने झुंड को एक साथ रख सकती है. हालांकि, बजट और शीतकालीन सत्र के बीच का अंतर राजनीतिक माहौल हो सकता है. जबकि पहले सत्र में, विपक्ष लोकसभा चुनावों में अपने पतन के मद्देनजर नीचे था, अब यह आशावाद के साथ संसद में आता है. हरियाणा में भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए न केवल कांग्रेस ने प्रबंधन किया, बल्कि महाराष्ट्र में भाजपा सरकार को विफल करने में विपक्ष सफल भी हो सकता है.
सत्र के दौरान 27 नए विधेयकों को पेश किए जाने की संभावना है, जिसमें अध्यादेशों की जगह 2 विधेयकों को शामिल किया गया है. कुछ महत्वपूर्ण नए बिल पेश किए जाने की संभावना है. इनमें कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2019, दि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी (दूसरा) संशोधन विधेयक 2019, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण विधेयक 2019, गर्भावस्था की चिकित्सा समाप्ति (संशोधन) विधेयक 2019, नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019, पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2019, शस्त्र अधिनियम (संशोधन) विधेयक 2019, राष्ट्रीय नदी गंगा (कायाकल्प, संरक्षण और प्रबंधन) विधेयक 2019 शामिल हैं. विधायी मदों के अलावा, 2019-20 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के पहले बैच से संबंधित 1 वित्तीय मद पर चर्चा और सत्र के दौरान पारित करने की आवश्यकता है.
First day of the #WinterSession pic.twitter.com/F5in3usyC0
— sudhakar das (@sudhakardas) November 18, 2019
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