नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी के किसान सम्मान निधि योजना पर एक बड़ी खबर सामने आई है. बता दें, इस योजना के तहत लाभ पाने वालों के लिए अच्छी खबर है. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना की रकम को बढ़ा सकती है। तमाम मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सरकार पीएम-किसान […]
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी के किसान सम्मान निधि योजना पर एक बड़ी खबर सामने आई है. बता दें, इस योजना के तहत लाभ पाने वालों के लिए अच्छी खबर है. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना की रकम को बढ़ा सकती है। तमाम मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सरकार पीएम-किसान योजना के तहत किसानों के लिए वार्षिक वित्तीय लाभ की राशि को बढ़ाकर 8,000 रुपये कर सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पात्र किसानों के खाते में यह रकम दी जाएगी। बताते चलें, किसानों को कुल 8000 रुपये 4 समान किस्तों में वितरित किए जाएंगे।
खबरों की मानें तो इस मामले पर अभी तक सरकार की ओर से कोई ऐलान नहीं किया गया है। दरअसल, केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत एक साल के भीतर सीमांत किसानों के खाते में 6,000 रुपये ट्रांसफर करती है. खास बात यह है कि सरकार यह राशि तीन किश्तों में वितरित की जाएगी। वर्ष 2019 में इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसका लक्ष्य देश भर के सभी भूस्वामी कृषक परिवारों को आय सहायता प्रदान करना है। योजना के तहत, 6,000 रुपये प्रति वर्ष की राशि 2,000 रुपये की तीन मासिक किस्तों में सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जारी की जाती है।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 12वीं किस्त 17 अक्टूबर को जारी की थी। तो केंद्र सरकार को इस पर 16 अरब रुपए खर्च करने पड़े। वहीं, 8 करोड़ किसानों ने बारहवीं किस्त का लाभ खुद उठाया था। हालांकि, बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड समेत कई राज्यों में लाखों अनफिट किसानों ने 12वीं किस्त का धोखे से फायदा उठाया है. अब सरकार उन लोगों से राशि वापस ले रही है। खास बात यह है कि पीएम-किसान योजना के तहत लाभ पाने के लिए कुछ पात्रता जरूरी है। योजना के तहत कृषि योग्य भूमि वाले सभी भू-स्वामी कृषक परिवार योजना के तहत लाभ के पात्र हैं। हालांकि, उच्च आर्थिक स्थिति के लाभार्थी इस योजना के लाभ के लिए पात्र नहीं हैं।
आपको बता दें, जम्मू-कश्मीर कृषि विभाग और सिक्किम बागवानी विभाग ने किसानों को उपज और कृषि के बारे में जानने के लिए एक बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम प्राप्त किया है. जानकारी के मुताबिक, कश्मीर के पंपोर और सिक्किम के यांगंग में जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियां काफी मिलती-जुलती हैं. जिससे कि प्रशिक्षण में कामयाबी हासिल हो पाई. सिक्किम के गवर्नर गंगा प्रसाद ने पिछले साल सितंबर में इस बारे में बताया था कि इससे पहले सिक्किम सरकार ने परिणाम देखने के लिए अलग-अलग जगहों पर करीब डेढ़ एकड़ खेत में केसर उगाई थी, जिसके काफी अच्छे नतीजे मिले थे.