आसमान में एक विशाल उल्कापिंड धरती की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, और इसे लेकर दुनियाभर में हलचल मची हुई है। इसे प्रलय का 'देवता' भी कहा जा रहा है,
नई दिल्ली: आसमान में एक विशाल उल्कापिंड धरती की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, और इसे लेकर दुनियाभर में हलचल मची हुई है। इसे प्रलय का ‘देवता’ भी कहा जा रहा है, और वैज्ञानिक इस खतरे की लगातार निगरानी कर रहे हैं। लेकिन सवाल ये है – क्या धरती इस विनाश से बच पाएगी?
एपोफिस एक विशाल उल्कापिंड है, जो अंतरिक्ष में मौजूद पत्थर का बड़ा टुकड़ा है। इस उल्कापिंड को लेकर वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं। 2004 में पहली बार खोजे गए इस उल्कापिंड को मिस्र के विनाश के देवता के नाम पर रखा गया है। एपोफिस धरती के करीब 2029 और फिर 2036 में आएगा, जिससे पृथ्वी को नुकसान पहुंचने का खतरा जताया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 13 अप्रैल 2029 को एपोफिस धरती के बेहद करीब होगा। हालांकि, वैज्ञानिकों ने अभी तक पक्के तौर पर ये नहीं कहा है कि यह उल्कापिंड पृथ्वी से टकराएगा। लेकिन इसकी संभावनाओं को पूरी तरह नकारा भी नहीं गया है। ISRO इस उल्कापिंड की निगरानी कर रहा है, और NETRA (Network for Space Object Tracking and Analysis) इसे बारीकी से ट्रैक कर रहा है।
एपोफिस 2029 में धरती के करीब आएगा और फिर 2036 में दोबारा। कुछ स्टडी के मुताबिक, 2029 में यह पृथ्वी के पास से निकल सकता है, लेकिन इसकी टक्कर की संभावना अभी पूरी तरह से खारिज नहीं की गई है। इसलिए इस उल्कापिंड को लेकर वैज्ञानिक किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले और रिसर्च कर रहे हैं।
फिलहाल, इसरो और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थान इस खतरे को गंभीरता से ले रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी तो अन्य देशों से भी मदद ली जा सकती है। हालांकि, अभी पुख्ता तौर पर यह कहना मुश्किल है कि एपोफिस से दुनिया को कितना बड़ा खतरा है, लेकिन वैज्ञानिक इस पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
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