नई दिल्ली: मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए रमजान (Ramadan) का महीना बेहद ही पवित्र माना जाता है. माना जाता है कि इस पवित्र महीने में सभी लोग रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं. बता दें, रमजान की शुरुआत अर्धचंदाकार चांद देखने के बाद से ही शुरू हो जाती है. आज 22 […]
नई दिल्ली: मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए रमजान (Ramadan) का महीना बेहद ही पवित्र माना जाता है. माना जाता है कि इस पवित्र महीने में सभी लोग रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं. बता दें, रमजान की शुरुआत अर्धचंदाकार चांद देखने के बाद से ही शुरू हो जाती है.
आज 22 मार्च 2023 को अगर चांद नजर आएगा तो कल यानी 23 मार्च को रमजान का पहला रोजा रखा जाएगा. देश में अगर किसी वजह से चांद नजर नहीं आता तो रमजान की शुरुआत और अंत सऊदी में एक चांद देखने वाली समिति द्वारा भी निर्धारित की जाती है. वहीं चांद नजर आने के बाद रमजान के रोजे की शुरुआत हो जाती है और लोग एक दूसरे को ‘चांद मुबारक’ या फिर ‘रमजान मुबारक’ कह कर बधाई भी देते हैं.
आपको बता दें कि, रोजा रखना हर मुसलमान के लिए आवश्यक माना जाता है. वहीं मुस्लिम मान्यता के अनुसार, रमजान के महीने का उदेश्य आध्यात्मिक भक्ति को बढ़ावा देना और अल्लाह से जुड़ने का होता है. ऐसा माना जाता है कि रमजान के दिनों में रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करने का फल अन्य दिनों के मुकाबले 70 प्रतिशत ज्यादा मिलता है. केवल इतना ही नहीं इन दिनों गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, बीमार लोग और बहुत छोटे बच्चों को रोजा न रखने की छूट होती है.
रमजान के महीने में रोजा रखने वाले लोग सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक ना कुछ खाते और ना ही कुछ पीते हैं. पहले सहरी खाकर रोजा शुरू किया जाता है और रोजा खोलने के लिए इफ्तार किया जाता है. रमजान के पहले रोजे की सहरी का समय सुबह 04:38 है और इफ्तार का समय शाम 06:20 है. साथ ही इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि शहर के मुताबिक सेहरी और इफ्तार के समय में थोड़ा अंतर होता है.
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