नई दिल्ली: एक ओर भारत में एविएशन सेक्टर बढ़ रहा है तो दूसरी ओर सस्ता हवाई सफर करवाने वाली कंपनियों का दिवाला निकलता दिखाई दे रहा है. एविएशन इंडस्ट्री में जहां हर रोज़ घरेलू यात्रियों की संख्या के मामले में नए रिकॉर्ड बन रहे हैं तो दूसरी ओर सस्ता हवाई सफर करवाने वाली कंपनियां आर्थिक […]
नई दिल्ली: एक ओर भारत में एविएशन सेक्टर बढ़ रहा है तो दूसरी ओर सस्ता हवाई सफर करवाने वाली कंपनियों का दिवाला निकलता दिखाई दे रहा है. एविएशन इंडस्ट्री में जहां हर रोज़ घरेलू यात्रियों की संख्या के मामले में नए रिकॉर्ड बन रहे हैं तो दूसरी ओर सस्ता हवाई सफर करवाने वाली कंपनियां आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं. बीते दिनों पहले गो फर्स्ट ने अपनी आर्थिक तंगी का ऐलान किया था अब स्पाइसजेट भी उसी रास्ते पर दिखाई दे रहा है. जहां एनसीएलटी ने स्पाइसजेट को दिवाला नोटिस भेजा है.
गौरतलब है कि गो फर्स्ट ने पहले ही खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है जिसके बाद उसे NCAT के फैसले का इंतज़ार है. वहीं अब स्पाइसजेट एयरलाइंस भी इसी रास्ते पर दिखाई दे रही है. स्पाइसजेट को एनसीएलटी की ओर से नोटिस भेजा गया है जिसे आयरलैंड की एक एयर क्राफ्ट किराये पर देने वाली कंपनी की याचिका पर जारी किया गया है. अपनी याचिका में एयरकासिल (आयरलैंड) लिमिटेड ने स्पाइसजेट के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की अपील की है. अब इस मामले में 17 मई को दिवाला कानून के तहत स्पाइसजेट के खिलाफ एनसीएलटी सुनवाई करेगा. इसी कड़ी में एनसीएलटी की दो सदस्यीय पीठ ने स्पाइसजेट को नोटिस भेजा है जिसकी अध्यक्षता एनसीएलटी के प्रेसिडेंट रामलिंगम सुधाकर कर रहे थे.
स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने दिवाला नोटिस पर कहा है कि एनसीएलटी ने एयरकासिल के मामले में उसे सामान्य नोटिस भेजा है. हालांकि इस मामले में स्पाइसजेट की ओर से कहा गया है कि NCLT ने किसी भी तरह का विपरीत फैसला नहीं लिया है. जबकि इस तथ्य को स्वीकार भी किया गया है कि दोनों पक्षों के बीच सेटलमेंट को लेकर बातचीत जारी है. स्पाइसजेट की ओर से कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत आगे जारी रखने की संभावना है. बता दें, 28 अप्रैल को एयरकासिल ने स्पाइसजेट के खिलाफ ये याचिका दायर की थी. सोमवार को सुनवाई के बाद NCLT ने एयरलाइंस के खिलाफ नोटिस जारी किया है.
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