नई दिल्ली: लोकसभा में 10 साल के बाद कांग्रेस पार्टी को विपक्ष के नेता का पद मिलने जा रहा है. दरअसल, लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद पाने लिए कुल सीटों का 10 प्रतिशत होना जरूरी है. कांग्रेस को 2014 में 44 और 2019 में 52 सीटें मिलीं थीं. लेकिन इस बार 2024 के […]
नई दिल्ली: लोकसभा में 10 साल के बाद कांग्रेस पार्टी को विपक्ष के नेता का पद मिलने जा रहा है. दरअसल, लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद पाने लिए कुल सीटों का 10 प्रतिशत होना जरूरी है. कांग्रेस को 2014 में 44 और 2019 में 52 सीटें मिलीं थीं. लेकिन इस बार 2024 के चुनाव में पार्टी को 99 सीटें मिलीं हैं.
कांग्रेस के लगभग सभी बड़े नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी इस जिम्मेदारी को निभाएं. राहुल अगर लोकसभा में विपक्ष के नेता बनते हैं तो ये पहली बार होगा कि वो पार्टी से हटकर कोई जिम्मेदारी उठाएंगे. बता दें राहुल कांग्रेस पार्टी के महासचिव, उपाध्यक्ष और अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा चुके हैं, लेकिन उन्होंने अभी तो पार्टी के अलावा किसी और पद की जिम्मेदारी नहीं निभाई है.
भारत में लोकसभा में विपक्ष के नेता (Leader of Opposition in Lok Sabha) को कई सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. ये सुविधाएं आमतौर पर मंत्रियों और अन्य उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों को मिलने वाली सुविधाओं के समान होती हैं. आइए जानते हैं उन सुविधाओं के बारे में…
विपक्ष के नेता को दिल्ली में एक सरकारी आवास आवंटित किया जाता है, जो एक मंत्री के समान होता है.
उन्हें एक आधिकारिक कार और ड्राइवर की सुविधा मिलती है.
संसद भवन में उन्हें एक कार्यालय और आवश्यक स्टाफ प्रदान किया जाता है.
उनकी सुरक्षा के लिए उचित सुरक्षा व्यवस्था की जाती है, जिसमें सुरक्षाकर्मी और अन्य आवश्यक प्रबंध शामिल होते हैं.
उन्हें सांसद के रूप में मिलने वाले वेतन और भत्तों के अलावा, विपक्ष के नेता के रूप में अतिरिक्त भत्ते भी मिलते हैं.
सरकारी कार्यों के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं पर यात्रा भत्ता प्रदान किया जाता है.
केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य सेवा योजना के तहत चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.
उनके आवास और कार्यालय में टेलीफोन और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध होती है.
वायनाड को छोड़ रायबरेली रखेंगे राहुल गांधी, इसके पीछे हैं कई वजहें